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जिसमें स्टार्टअप को आगे ले जाने का जुनून है उसमें करेंगे निवेश: रतन टाटा

'कितना निवेश किया है और आप उसमें कितना शामिल होते हैं यह तय करने के लिए आपको फाउंडरों से मिलना पड़ता है'

FP Staff

देश के सबसे जाने-माने उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा इन दिनों स्टार्टअप बिजनेस में जमकर निवेश कर रहे हैं. टाटा ने कैब कंपनियों से लेकर पेट केयर तक जैसे स्टार्ट अप में निवेश किया है, जो उनके पसंदीदा कामों में शुमार है.

रतन टाटा की दिलचस्पी छोटे और कुछ नया करने वाली कंपनियों में होती है. उनके लिए उनमें निवेश करने के लिए उनके फाउंडरों से मिलना जरूरी होता है. रतन टाटा ने नेटवर्क 18 ग्रुप के बिजनेस चैनल सीएनबीसी-टीवी 18 को दिए अपने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, 'मैंने पाया कि यह सच में तय करने के लिए कि आपने कितना निवेश किया है और आप उसमें कितना शामिल होते हैं इसके लिए आपको फाउंडरों से मिलना पड़ता है. कई बार वो आपको प्रभावित करते हैं और कई बार नहीं करते हैं. जिनसे आप प्रभावित होते हैं आम तौर पर वो अपनी कंपनी को ऊंचाईयों पर ले जा चुके होते हैं.'


जो लोग अपने द्वारा खड़ी की गई कंपनी को बेचकर सिर्फ बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं टाटा ऐसी कंपनी के साथ जुड़ना पसंद नहीं करेगा. बहरहाल, जो अपने स्टार्ट अप को साथ लिए आगे बढ़ते हैं और तरक्की करते हैं, टाटा वैसों का साथ देगी.

फाउंडर की आगे की सोच, चाहे छोटी ही, पेट केयर हो या फैशन या हेल्थकेयर में उसके जुनून को ही टाटा देखता है. रतन टाटा ने कहा, 'मैंने कई कंपनियों में छोटे निवेश किए हैं. उनमें से कुछ वैसे हैं जिन पर मुझे गर्व महसूस होता है. मैंने कई बार अपने देखने का नजरिया निगेटिव से पॉजीटिव बदला है, कभी-कभी फाउंडरों से मिलने के बाद यह पॉजीटिव से निगेटव भी हुआ है.'

रतन टाटा जब चेयरमैन के तौर पर 100 अरब डॉलर से अधिक वाले टाटा समूह का नेतृत्व कर रहे थे तब वो संभावित 'हितों के टकराव' की वजह से स्टार्ट-अप में निवेश नहीं कर सके. जैसे, उन्होंने 1970 के दशक में सैन जोस में कंप्यूटर कंपनी में टाटा का निवेश किया. टाटा ने कहा, 'मुझे हमेशा इस बात का अफसोस रहा कि भारत उभरते हुए उद्योग का हिस्सा नहीं रहा, जिसने पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट पर खुद को स्थापित किया. लेकिन टाटा में रहते हुए भी मैं इसमें बहुत कुछ नहीं कर पाया क्योंकि कहीं न कहीं यह हितों का टकराव होता.'