नवरात्र आने में दो दिन बाकी है. अब लोगों की निगाहें फेस्टिव सीजन के दौरान कंपनियों द्वारा लॉन्च की जाने वाली स्कीम्स, छूट और ऑफर्स पर हैं. फेस्टिव सीजन सितंबर से लेकर दीपावली तक अपने शबाब पर रहता है.
कंज्यूमर्स के लिहाज से ये सुनहरा समय होता है, क्योंकि ई-कॉमर्स से लेकर ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल और रियल एस्टेट- सभी कंपनियां अपने-अपने ऑफर्स के साथ उपभोक्ताओं को लुभाने को बाजार में होती हैं. इस तरह ये समय खरीदारी के लिए उपयुक्त बन जाता है.
40 फीसदी तक सामान बिकते हैं इस समय
कंपनियों के लिए इस सीजन की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि इस दौरान उनके प्रोडक्ट्स की बिक्री पूरे साल की बिक्री का 40 फीसदी तक हो जाती है. खासकर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के मार्केट में सबसे अधिक चहलकदमी रहती है, क्योंकि इन प्रॉडक्ट्स की जरूरत अधिकांश लोगों को रहती है.
40 फीसदी बिक्री बढ़ने की उम्मीद
जीएसटी के झटके के बावजूद कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों को इस फेस्टिव सीजन में बिक्री 40 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. इसके लिए कंपनियों ने महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई हैं. इसके लिए वे कंज्यूमर्स को कई सारे फ्रीबीज और डिस्काउंट्स देने जा रही हैं.
ट्रेडर्स के खत्म स्टॉक से उम्मीदें
सोनी, एलजी, पैनासॉनिक और हायर जैसी टॉप कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया में ट्रेडर्स ने जो अपने स्टॉक खत्म कर रखे हैं, उसका जोरदार फायदा इस फेस्टिव सीजन में उन्हें मिलेगा, क्योंकि अब सभी ट्रेडर्स कंपनियों से बड़ी संख्या और मात्रा में माल लेंगे.
सोनी मार्केटिंग पर खर्च करेगी 250 करोड़ रुपए
सोनी ने इस दौरान मार्केटिंग कैंपेन पर अकेले 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है. इसी तरह पैनासॉनिक ने अपनी ब्रांडिंग और प्रमोशन पर पिछले मौसम की तुलना में 1.4 गुना अधिक खर्च करने का प्लान किया है. हायर तो फ्रीबीज और मार्केटिंग पर पिछले साल से 70 फीसदी अधिक खर्च करने जा रही है. कंपनी अगस्त से लेकर नवंबर के बीच पिछले साल की इस अवधि की तुलना में 25 फीसदी सेल्स ग्रोथ की उम्मीद कर रही है.
इस बार अधिक डिमांड की उम्मीद
कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडस्ट्री का संगठन सीईएएमए के अनुसार, मार्केट में इस बार खूब डिमांड है. उसके अनुसार ये डिमांड इस बार फेस्टिव सीजन के बाद भी रहने की उम्मीद है. संगठन ने भी मार्केटिंग एक्टिविटी पर 250 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई है.
डिमांड बढ़ने की वजहें
इस फेस्टिव सीजन में डिमांड बढ़ने की कई वजहें हैं. जीएसटी के कारण पैदा हुई पेंट डिमांड इनमें प्रमुख है. पेंट डिमांड का मतलब उस डिमांड से है जो जीएसटी लागू होने की प्रक्रिया में ट्रेडर्स द्वारा माल नहीं खरीदने से स्टॉक खत्म हो जाने के बाद अब निकलनी शुरू हुई है. इसी तरह अच्छे मानसून से ग्रामीण इलाकों से भी अच्छी डिमांड आने की उम्मीद है. नोटबंदी के बाद कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की खरीद कम हुई, अब चूंकि नोटबंदी का असर लगभग खत्म हो चुका है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस फेस्टिव सीजन में लोग जरूरत की चीजें खरीदेंगे.
सितंबर से दिसंबर तक रहेगी डिमांड
फेस्टिव सीजन मध्य सितंबर से शुरू होकर दिसंबर के आखिर तक रहता है. हालांकि सितंबर के मध्य से लेकर दीपावली तक अधिकांश सेक्टर में जोरदार डिमांड देखी जाती है. वैसे कार और दोपहिया वाहन बाजारों में दिसंबर तक मांग बनी रहती है.
अभी नहीं आए हैं अधिकांश ऑफर्स
फिलहाल अधिकांश कंपनियों के उपभोक्ताओं के लिए ऑफर्स नहीं आए हैं. वैसे कुछ कंपनियों ने कुछ चीजों की घोषणा की है. उदाहरण के लिए, वीडियोकॉन के रामगोपाल ने बताया कि टीवी, एसी आदि की कीमतों पर छूट या ऑफर्स की घोषणा तो वैसे अभी नहीं हुई है, लेकिन 28 इंच के एलईडी टीवी पर कंपनी ने 3 साल की वारंटी और एसी पर 5 साल की वारंटी घोषणा की है, जबकि पहले दोनों एक-एक साल की ही वारंटी थी. इतना ही नहीं एसी के कंप्रेसर पर ही पहले वारंटी थी, लेकिन फेस्टिव सीजन में कंप्रेसर के साथ ही कंडेंसेसर, कॉइलिंग, पीएसबी और मोटर आदि पर भी वारंटी दी जा रही है.
(साभार न्यूज 18)