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ई कॉमर्स कंपनियों पर लागू हुए FDI नियम, ग्राहकों को हो सकती है परेशानी

नए नियमों का सबसे ज्यादा असर एमजॉन पर पड़ा है, जिसे अपने प्लेटफॉर्म से मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रॉसरी और फैशन सहित कई श्रेणियों में भारी मात्रा में प्रोडक्ट्स को हटाना पड़ा है

FP Staff

अगर आप भी अपनी ज्यादातर शॉपिंग ऑनलाइन ही करते हैं तो आपके लिए परेशानीवाली खबर है. अबसे ग्राहकों को अपना सामान आॉर्डर करने के 4-7 दिन बाद मिलेगा. इसके साथ ही ग्राहकों को किसी भी चीज को खरीदने के लिए पहले से ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं. दरअसल 1 फरवरी से ई-कॉमर्स में FDI नियम लागू हो गए हैं, जिसके बाद से ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त ग्राहकों को ये परेशानियां हो सकती हैं.

किन- किन कंपनियों पर पड़ेगा सबसे ज्यादा असर?


न्यूज 18 के मुताबिक नए नियमों का सबसे ज्यादा असर एमजॉन पर पड़ा है, जिसे अपने प्लेटफॉर्म से मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रॉसरी और फैशन सहित कई श्रेणियों में भारी मात्रा में प्रोडक्ट्स को हटाना पड़ा है. प्लेटफॉर्म पर मौजूद क्लाउडटेल और ऐपेरियो जैसे सेलर्स ने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया है.

इन दोनों कंपनियों में एमजॉन की हिस्सेदारी है. शुक्रवार को दिसंबर तिमाही के वित्तीय नतीजों की घोषणा के बाद कंपनी के सीएफओ ब्रायन ओलसावस्की ने विश्लेषकों से कहा कि नई पॉलिसी का असर भारत में प्राइसिंग और उपभोक्ताओं के चयन के साथ-साथ सेलर्स पर पड़ेगा.

कंपनियों ने मांगा था समय

वैश्विक तौर पर एमजॉन के अंतरराष्ट्रीय कारोबार को 64.2 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है, जो इसके पहले के वित्त वर्ष की समान तिमाही में 91.9 करोड़ डॉलर था. फ्लिपकार्ट ने भी एक बयान जारी कर कहा कि वह सरकार की तरफ से नियमों के लागू होने की डेडलाइन न बढ़ाने के कदम से नाराज है.

दरअसल इससे पहले एमजॉन और वॉलमार्ट दोनों ने इस एक फरवरी की समयसीमा को बढ़ाने की मांग करते हुए कहा था कि इस नए नियमों को समझने के लिए उन्हें और समय की जरूरत है. एमजॉन ने इसके लिए जहां एक जून तक समय मांगा था वहीं फ्लिपकार्ट ने छह महीने का और समय मांगा था. हालांकि  सरकार ने एफडीआई के नियमों के लागू होने की समयसीमा को बढ़ाने से इनकार कर दिया था.

(भाषा से इनपुट)