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दिल्ली में यूरो-VI मानक पेट्रोल-डीजल की सप्लाई 1 अप्रैल से

दिल्ली देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां यूरो-4 मानक ईंधन का प्रयोग बंद कर सीधे यूरो-6 मानक ईंधन को इस्तेमाल में लाया जाएगा

Bhasha

राजधानी और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंचने की चुनौती से निपटने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों ने एक अप्रैल से राजधानी में यूरो-6 मानक के डीजल एवं पेट्रोल की आपूर्ति शुरू कर देंगी. कंपनियां इसके लिए कोई अतिरिक्त कीमत नहीं वसूलेंगी.

दिल्ली देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां यूरो-4 मानक ईंधन का प्रयोग बंद कर सीधे यूरो-6 मानक ईंधन को इस्तेमाल में लाया जाएगा.


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित अन्य शहरों नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के अलावा मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे समेत13 प्रमुख शहरों में यूरो-6 मानक ईंधन की आपूर्ति अगले साल एक जनवरी से शुरू होगी. देश के बाकी हिस्सों में यह अप्रैल 2020 से शुरू होगा.

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के निदेशक (रिफाइनरी) बी. वी. रामगोपाल ने कहा कि सार्वजनिक तेल मार्केटिंग कंपनियां आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड रविवार से दिल्ली के अपने सभी 391 पेट्रोल पंपों पर यूरो-छह उत्सर्जन मानक वाले ईंधन की आपूर्ति शुरू कर देंगी.

इस ईंधन के लिए नहीं वसूला जाएगा अलग से कोई चार्ज

उन्होंने कहा कि भले ही कंपनियों ने स्वच्छ ईंधन उत्पादन के लिए भारी निवेश किया है, उपभोक्ताओं के ऊपर अभी कुछ समय तक इसका बोझ नहीं डाला जाएगा. उन्होंने कहा कि आश्वस्त रहिए, खर्च का बोझ उपभोक्ताओं पर डालने की कोई योजना नहीं है. अभी उपभोक्ताओं से तत्काल लागत वसूलने की कोई योजना नहीं है.

लागत के हिसाब से स्वच्छ ईंधन 50 पैसे प्रति लीटर महंगा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब पूरे देश में यूरो-6 मानक के ईंधन की आपूर्ति शुरू हो जाएगी तब लागत वसूलने की रूप रेखा तैयार की जाएगी.

रामगोपाल ने कहा कि दिल्ली की 9.6 लाख टन पेट्रोल तथा 12.65 लाख टन डीजल की सालाना खपत देखते हुए उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा परिशोधन संयंत्र, हरियाणा की पानीपत रिफाइनरी, मध्य प्रदेश के बिना संयंत्र तथा पंजाब के बठिंडा संयंत्र ने स्वच्छ ईंधन का उत्पादन शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि इसके लिए अकेले पानीपत संयंत्र पर ही करीब 183 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. उन्होंने कहा कि बाकी के संयंत्रों के उन्नयन का काम चल रहा है.

खराब हालात के वजह से अप्रैल 2020 की बजाय अभी से शुरुआत

वर्ष 2015 में निर्णय लिया गया था कि यूरो 6 मानक के अनुकूल ईंधन की आपूर्ति पूरे देश में एक अप्रैल 2020 से शुरू की जाएगी. हालांकि, जहरीली धुंध की समस्या को देखते हुए दिल्ली में इसे पहले ही किया जा रहा है.

गोपाल ने कहा कि स्वच्छ यूरो 6 मानक के ईंधन तथा पुराने इंजन के इस्तेमाल से पार्टिकुलेट उत्सर्जन में 10 से 20 प्रतिशत की कमी आएगी. इसका पूरा लाभ उठाने के लिए यूरो 6 मानक के इंजनों की भी जरूरत होगी.

उन्होंने कहा कि यूरो 6 मानक के ईंधन की आपूर्ति रविवार से शुरू हो जाने से वाहन निर्माता कंपनियों को यह भरोसा मिलेगा कि स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता कोई समस्या नहीं है.

दिल्ली में सुचारू आपूर्ति के लिए आईओसी मथुरा और पानीपत संयंत्रों से स्वच्छ ईंधन मंगाएगी. एचपीसीएल की बठिंडा स्थित संयुक्त संयंत्र तथा बीपीसीएल बीना संयंत्र से ईंधन मंगाएगी.