आर्थिक सर्वे मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यन ने तैयार किया है. इसमें अगले साल के लिए नीतियां बताई जाती हैं. इस बार आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अगले साल सरकार का फोकस कृषि को सहयोग देने, जीएसटी को स्थिर बनाने, रीकैपिटलाइजेशन का काम पूरा करने के साथ एयर इंडिया का निजीकरण करना है. साथ ही मैक्रो इकनॉमी की चुनौतियों का सामना करना होगा.
जीएसटी से होने वाली आमदनी 12 फीसदी तक बढ़ी है.
फाइनेंस मिनिस्ट्री के आर्थिक सर्वेक्षण 2018 के मुताबिक, भारत का निर्यात मजबूत हुआ है. बड़ी कंपनियों के साथ ही निर्यात में छोटी कंपनियों की हिस्सेदारी भी बढ़ी है. दूसरे देशों के मुकाबले भारत की बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी कम है. यह सिर्फ 38 फीसदी है. वहीं ब्राजील में यह 72 फीसदी, जर्मनी में 68 फीसदी, मेक्सिको में 67 फीसदी और यूएसए में 55 फीसदी बड़ी कंपनियां ही निर्यात करती हैं.
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि फिस्कल ईयर 2014-15 से 2017-18 के बीच जीडीपी की औसत ग्रोथ 7.3 फीसदी रही. यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे ज्यादा है. 2018-19 में जीडीपी 7 प्रतिशत से बढ़कर 7.5 प्रतिशत पर पहुंचेगी.
फिस्कल ईयर 2017-18 के लिए जीडीपी के 6.75 फीसदी रहने का अनुमान है.
फिस्कल डेफेसिट और महंगाई का अनुपात
आर्थिक सर्वेक्षण से जुड़ी 10 बातें
जीएसटी से क्या हुआ फायदा
जीएसटी के आंकड़ों से पता चलता है कि इनडायरेक्ट टैक्सपेयर्स की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. इनकम टैक्स डायरेक्ट टैक्स की कैटेगरी में आता है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, भारत में ऐसा पहली बार हुआ जब 5 राज्य-महाराष्ट्र, गुजरात, कर्णाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना का भारत के कुल निर्यात में 70 प्रतिशत योगदान रहा. माल और सेवा (गैर जीएसटी माल एवं सेवा को छोड़कर) के क्षेत्र में भारत का आंतरिक ट्रेड कुल जीडीपी का 60 प्रतिशत रहा.
पिछले एक साल की उपलब्धि
अरविंद सुब्रह्मण्यन ने कहा, पिछले एक साल की उपलब्धि में जीएसटी लागू होना, 14 साल में पहली बार सॉवरेन बॉन्ड रेटिंग अपग्रेड हुई. मूडीज ने 18 नवंबर 2017 को सरकारी बॉन्ड की रेटिंग अपग्रेड की थी. साथ ही लोन डिफॉल्टर की चुनौतियों से निपटते हुए सरकार ने बेहतर ढंग से बैलेंस शीट संभाल पाई है.