view all

15 अप्रैल से देश के इन 5 राज्यों में जरूरी होगा ई-वे बिल

ई-वे बिल को ewaybillgst.gov.in नाम के पोर्टल से हासिल किया जा सकता है. इस पोर्टल के जरिए 1 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल तक 63 लाख से ज्यादा ई-वे बिल तैयार किए जा चुके हैं

Bhasha

15 अप्रैल से माल के आवागमन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था देश के 5 राज्यों में शुरू हो जाएगी. जिन 5 राज्यों में यह ई-वे बिल व्यवस्था लागू होगी वो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, केरल और उत्तर प्रदेश हैं.

सरकार ने 1 अप्रैल से एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपए से ज्यादा के माल के आवागमन के लिए इलेक्ट्रॉनिक-वे या ई-वे बिल प्रणाली को लागू कर दिया है.

वित्त मंत्रालय ने अपने जारी एक बयान में कहा कि राज्यों के भीतर माल के आवागमन के लिए ई-वे बिल व्यवस्था को 15 अप्रैल से शुरू किया जाएगा. इस बिल को ewaybillgst.gov.in नाम के पोर्टल से हासिल किया जा सकता है. इस पोर्टल के जरिए 1 अप्रैल से लेकर 9 अप्रैल तक 63 लाख से ज्यादा ई-वे बिल तैयार किए जा चुके हैं.

ई-वे बिल किसके लिए है जरूरी?

50 हजार रुपए से अधिक कीमत वाले सामानों की एक राज्य से दूसरे राज्य के भीतर सप्लाई के लिए ई-वे बिल जरूरी है. माल एवं बिक्री कर (जीएसटी) के तहत रजिस्टर्ड और नॉन रजिस्टर्ड (पंजीकृत और गैर पंजिकृत) कारोबारियों के लिए वस्तुओं की सप्लाई के लिए यह बिल जरूरी है. सामानों की सप्लाई करने वाले ट्रांस्पोर्टरों के लिए भी यह बिल जरूरी है. सामान सप्लाई करने से पहले उन्हें ई-वे बिल को प्राप्त करना जरूरी है.

ई-वे बिल प्राप्त करने की प्रक्रिया

जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड जो कारोबारी हैं उनका सामान अगर सप्लाई हो रहा है तो उन्हें ई-वे बिल की वेबसाइट (ewaybillgst.gov.in) पर जाकर पार्ट-A का EWB-01 फार्म भरना है, इसके बाद सामान की सप्लाई से पहले ई-वे बिल प्राप्त करना है.

इसी तरह अगर सिर्फ सप्लाई प्राप्त करने वाला कारोबारी ही जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड है तो उसे पार्ट-A का EWB-01 फार्म भरना है. अगर दोनों ही जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड नहीं हैं तो फिर ट्रांसपोर्टर, जो सामान की सप्लाई करने वाला है उसे यह फॉर्म भरना होगा.