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असमानता की वजह से भारत के मानव विकास मूल्य में एक चौथाई की कमी: UNDP

'प्रगति के बावजूद भारत में महिलाएं स्वस्थ जीवन, ज्ञान और उचित रहन-सहन स्तर से वंचित बनी हुई हैं.'

Bhasha

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के भारत प्रमुख फ्रांसिन पिकप ने मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में भारत के 130वें स्थान पर पहुंचने के संदर्भ में कहा कि असमानता की वजह से देश ने अपने एक चौथाई मानव विकास मूल्य को गंवा दिया है.साथ ही इस बात को भी रेखांकित किया है कि भारत में महिलाओं को कार्यबल में समानता हासिल करने के लिए अभी 200 साल से ज्यादा इंतजार करना होगा.

पिकप ने कहा कि समग्र प्रगति के बावजूद भारत में महिलाएं स्वस्थ जीवन, ज्ञान और उचित रहन-सहन स्तर से वंचित बनी हुई हैं. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में प्रगति की मौजूदा दर को देखते हुए महिलाओं को समानता हासिल करने के लिए 200 साल से ज्यादा इंतजार करना होगा.


उन्होंने ईमेल इंटरव्यू में कहा, ‘इतनी अच्छी प्रगति करने वाले देश के लिए कुछ क्षेत्रों में वंचित रहने से लाखों लोग अपनी सच्ची क्षमता का दोहन नहीं कर पाते. खासकर महिलाओं के संदर्भ में एचडीआई पुरुषों की तुलना में कम है. इसकी मुख्य वजह शिक्षा और कार्य क्षेत्र में अवसरों की कमी है.’

यूएनडीपी द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा मानव विकास वरीयता क्रम में भारत 189 देशों में एक स्थान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर पहुंच गया है. पिकप ने कहा कि असमानता और जलवायु परिवर्तन भारत के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं.