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पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाना जरूरी, कच्चे तेल का उत्पादन भी प्रभावितः धर्मेंद्र प्रधान

अमेरिकी डॉलर ने इस समय अपनी जो स्थिती बनाई है, दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए यह बिल्कुल अच्छा नहीं है

FP Staff

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बाजार की हालत सबके सामने है और वित्त मंत्री इस मामले में सफाई दे चुके हैं. अमेरिकी डॉलर ने इस समय अपनी जो स्थिती बनाई है, दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए यह बिल्कुल अच्छा नहीं है. हालांकि आज दूसरे करेंसियों की तुलना में भारतीय रुपया मजबूत है लेकिन हम तेल कैसे खरीदें.

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इस समय दुनिया की सबसे बड़ी एक्सचेंज करेंसी है जो कि हमारे लिए समस्या खड़ी कर सकता है. ओपेक ने भी वर्ल्ड कम्युनिटी को आश्वासन दिया है कि अतिरिक्त उत्पान होगा. जुलाई-अगस्त के आंकड़ों के मुताबिक लक्ष्य अभी भी संकलित नहीं हुआ है. ईरान, वेनेजुएला और तुर्की के मुद्दे उत्पादन में मुश्किलें पैदा कर रही हैं. इन समस्याओं का समाधान भारत के हाथों

में नहीं है.

वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि देश में ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय कारकों से हो रही है और अब यह जरूरी हो गया है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाए. प्रधान ने एक कार्यक्रम में कहा, 'अब यह जरूरी हो गया है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाए. दोनों अभी जीएसटी में नहीं हैं जिससे देश को करीब 15,000 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

यदि पेट्रोल, डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाता है तो यह उपभोक्ताओं सहित सभी के हित में होगा.' उन्होंने कहा कि कोई सिर्फ उत्पाद शुल्क घटाकर इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से हल नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि ईरान, वेनेजुएला और तुर्की जैसे देशों में राजनीतिक स्थिति की वजह से कच्चे तेल का उत्पादन प्रभावित हुआ है. पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन ओपेक भी कच्चे तेल का उत्पादन नहीं बढ़ा पाया है जबकि उसने इसका वादा किया था.