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अवैध टेलीफोन एक्सचेंज स्कैम: मारन ब्रदर्स पर नहीं चलेगा केस

सीबीआई के वकील ने आरोप लगाया था कि दयानिधि ने अपने घर पर 764 टेलीफोन लाइन के साथ एक प्राइवेट टेलीफोन एक्सचेंज इंस्टॉल कर रखा है

FP Staff

स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को दयानिधि मारन और कलानिधि मारन को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज स्कैम मामले में रिहा कर दिया है. इनके साथ पांच अन्य लोगों को भी छोड़ा गया है.

मारन ब्रदर्सन ने पिछले साल अक्टूबर में इस केस को खारिज करने के लिए याचिका दायर की थी. 27 फरवरी को सीबीआई ने केस खारिज करने की मांग कर रही याचिका के खिलाफ अपना मजबूत पक्ष रखा. जांच एजेंसी ने कहा कि पहली नजर में उनके खिलाफ केस आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त मैटर है.


स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने जब सुनवाई के लिए यह याचिका आई तब सरकारी वकील जज एस नटराजन ने यह तर्क दिया कि डीएमके के नेता दयानिधि ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए अपनी पारिवारिक कंपनी सन टीवी को 2004 से 2006 तक फायदा दिलाया था. मारन ब्रदर्स के वकील ने यह दलील दी कि वे निर्दोष हैं और उन्होंने कोई अनियमितता नहीं की है.

क्या था आरोप?

सीबीआई के वकील ने आरोप लगाया था कि दयानिधि ने अपने घर पर 764 टेलीफोन लाइन के साथ एक प्राइवेट टेलीफोन एक्सचेंज इंस्टॉल कर रखा है. इसका मकसद सनटीवी डेटा को अपलिंक करने में किया गया. इसकी वजह से बीएसएनएल और एमटीएनएल को 1.78 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. मारन ब्रदर्स के अलावा सन टीवी नेटवर्क के चीफ टेक्निकल ऑफिसर एस कानन और इलेक्ट्रिशियन के एस रवि और दयानिधि मारन के प्राइवेट सेक्रेटरी गोवथमन पर भी इस स्कैम में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.