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सीआईसी ने वित्त मंत्रालय से मांगा नोटबंदी से पकड़े गए कालेधन का ब्यौरा

सीआईसी ने वित्त मंत्रालय को इस बारे में एक साल पहले के सूचना के अधिकार के तहत आवेदन का जवाब देने का निर्देश दिया है

Bhasha

केंद्रीय सूचना आयोग ने वित्त मंत्रालय को नोटबंदी के बाद सरकार द्वारा जुटाए गए कुल कालेधन का ब्यौरा देने को कहा है. सीआईसी ने वित्त मंत्रालय को इस बारे में एक साल पहले के आरटीआई आवेदन का जवाब देने का निर्देश दिया है.

मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने हालांकि आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय पर जुर्माना नहीं लगाया है क्योंकि उसके अधिकारियों ने आरटीआई आवेदन का जवाब देने में देरी के लिए माफी मांग ली है.


माथुर ने कहा कि इस विभाग के सीपीआईओ या संबंधित प्रमुख को भविष्य में सावधानी बरतने को कहा है और भविष्य में आरटीआई कानून की समयसीमा का अनुपालन करने को कहा है. आरटीआई कानून के तहत केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने यदि किसी आरटीआई आवेदन का जवाब 30 दिन के भीतर नहीं दिया है, तो आयोग को उस पर जुर्माना लगाने का अधिकार है.

पिछले साल नवंबर में मांगा गया था जवाब

यदि आयोग इस बात से संतुष्ट है कि इस देरी के पीछे कोई उचित वजह नहीं है या फिर किसी गलत मंशा से जवाब नहीं दिया गया है, तो वह जुर्माना लगा सकता है.

यह मामला खालिद मुंदापिल्ली से संबंधित है जिन्होंने 22 नवंबर, 2016 को आरटीआई कानून के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से इस सवाल का जवाब मांगा था. इससे कुछ दिन पहले यानी 8 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,000 और 500 के नोट बंद करने की घोषणा की थी. मुंदापिल्ली के आवेदन का 30 दिन में जवाब नहीं दिया गया. उसके बाद 9 जनवरी, 2017 को उन्होंने आयोग के पास पीएमओ की शिकायत की.

पीएमओ के अधिकारी ने आयोग को बताया कि उनके आवेदन को पिछले साल 25 जनवरी को जवाब के लिए राजस्व विभाग को भेज दिया गया. मुंदापिल्ली ने आयोग को बताया कि पीएमओ द्वारा उनका मामला राजस्व विभाग के पास भेजे जाने के एक साल बाद भी उनके आरटीआई आवेदन का जवाब नहीं दिया गया है. माथुर ने कहा कि राजस्व विभाग के सीपीआईओ को आरटीआई कानून के तहत इस आदेश के 30 दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया जाता है.