भारती एयरटेल और वोडाफोन ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के कॉल कनेक्ट शुल्क में कटौती के फैसले की आलोचना की है. इन दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि ट्राई के इस फैसले से सिर्फ एक ऑपरेटर को फायदा होगा और पहले से दबाव झेल रहे उद्योग की वित्तीय सेहत और खराब होगी.
ग्राहकों की संख्या के हिसाब से देश की दूसरी सबसे बड़ी ऑपरेटर वोडाफोन ने ट्राई के निर्णय को रिग्रेसिव रेग्युलेटरी उपाय करार दिया है.
मौजूदा ऑपरेटर ने बयान में कहा कि इस कदम से सिर्फ नए खिलाड़ी को फायदा होगा और शेष उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा.
एयरटेल ने कहा, ‘जिस IUC दर का सुझाव दिया गया है, उस पर पूरी तरह गैर पारदर्शी तरीके से पहुंचा गया है. इससे सिर्फ एक ऑपरेटर को फायदा होगा जिसके पक्ष में भारी ट्रैफिक है.’
नए नियमों पर निराशा जताते हुए एयरटेल ने कहा कि उद्योग पहले से वित्तीय दबाव झेल रहा है और इंटरकनेक्शन प्रयोग शुल्कों (आईयूसी) में कटौती से स्थिति और खराब होगी. दूरसंचार नियामक ने मंगलवार मोबाइल कॉल कनेक्शन शुल्क को घटाकर छह पैसे प्रति मिनट करने की घोषणा की है. साथ ही एक जनवरी 2020 से ये शुल्क पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की गई है. माना जा रहा है कि इस कदम से नई कंपनी रिलायंस जियो को फायदा होगा और स्थापित खिलाड़ियों को झटका लगेगा.
एयरटेल ने कहा कि उद्योग के रूप में हमारा देश की आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान है. हम इस फैसले से निराश हैं.