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नोटबंदी और जीएसटी से भारत विकास के रास्ते पर: ओपेक

ओपेक के महासचिव मोहम्मद बारकिन्डो ने कहा कि भारत में नोटबंदी और जीएसटी जैसे साहसिक नए सुधारों ने देश को मजबूती के साथ सतत वृद्धि के रास्ते पर ला दिया है

Bhasha

तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के महासचिव मोहम्मद बारकिन्डो ने कहा कि भारत में कुछ बड़े संरचनात्मक बदलाव हो रहे हैं और नोटबंदी और जीएसटी जैसे साहसिक नए सुधारों ने देश को मजबूती के साथ सतत वृद्धि के रास्ते पर ला दिया है.

सेरावीक द्वारा आयोजित इंडिया एनर्जी फोरम में उन्होंने कहा कि देश में मध्यम वर्ग बढ़ रहा है जो न केवल ऊर्जा बल्कि वस्तु और सेवाओं की मांग का प्रमुख स्रोत है.


उन्होंने कहा, ‘देश की अर्थव्यवस्था में बड़े संरचनात्मक बदलाव आ रहे हैं... दूरदृष्टि रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नए साहसिक सुधार हो रहे हैं. इससे देश खासकर ऊर्जा के मामले में सतत रूप से गतिशील वृद्धि के रास्ते पर आ गया है.’

बारकिन्डो ने कहा कि नोटबंदी, माल और सेवा कर (जीएसटी) और ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को विकसित करने का प्रयास से देश सतत वृद्धि और स्थिरता की ओर बढ़ा है.

भारत में बढ़ेगी तेल की मांग

उन्होंने कहा कि परविहन क्षेत्र में बड़ी वृद्धि, विनिर्मित वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात में विस्तार, मजबूत आईटी क्षेत्र, एक मजबूत सेवा क्षेत्र और ठोस विनिर्माण आधार के साथ भारत बड़े आर्थिक बदलाव से गुजर रहा है और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका बढ़ रही है.

बारकिन्डो ने कहा, ‘ओपेक में हम इन वृहद आर्थिक और व्यापार प्रवृत्ति पर करीब से नजर रख रहे हैं .... .’

उन्होंने कहा, ‘ओपेक यह देख रहा है कि दुनिया में तेल मांग तेजी से भारत की ओर स्थानांतरित हो रही है. हमारा अनुमान है 2040 तक देश की तेल मांग 150 प्रतिशत बढ़कर 1.01 करोड़ बैरल प्रतिदिन हो जाएगी जो फिलहाल करीब 40 लाख बैरल प्रतिदिन है.'

साथ ही वैश्विक तेल मांग में देश की कुल हिस्सेदारी 2040 तक बढ़कर 9 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है जो फिलहाल 4 प्रतिशत है. ओपेक के महासचिव ने कहा, ‘कई कारक हैं जो ओपेक और भारत के बीच संबंधों को प्रगाढ़ बना रहे हैं.’