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यूनिटेक के एमडी को 750 करोड़ जमा कराने पर ही मिलेगी जमानत: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराई जाने वाली यह धनराशि मकान के उन खरीदारों को दी जाएगी जो अपना धन वापस चाहते हैं

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि यूनिटेक लि. के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा की जमानत याचिका पर तभी विचार किया जाएगा जब उसकी रियल एस्टेट फर्म दिसंबर के अंत तक 750 करोड़ रूपए जमा करा देगी.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराई जाने वाली यह धनराशि मकान के उन खरीदारों को दी जाएगी जो अपना धन वापस चाहते हैं.


पीठ ने तिहाड़ जेल प्राधिकारियों से कहा कि संजय चंद्रा की अपनी कंपनी के अधिकारियों, फाइनेंसरों और वकीलों से मुलाकात की सुविधा मुहैया कराएं ताकि वह मकान खरीदारों को पैसा लौटाने और निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिये धन की व्यवस्था कर सकें.

इस मामले में न्यायमित्र की भूमिका निभा रहे वकील पवन श्री अग्रवाल ने पीठ से कहा कि रियल एस्टेट फर्म को मकान खरीदारों को पैसा लौटाने और निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा करने के लिये करीब दो हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता है.

जनवरी में होगी अगली सुनवाई

संजय चंद्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने पीठ से कहा कि उन्होंने पैसा लौटाने और परियोजनाओं को पूरा करने के बारे में एक योजना दी है और इसके लिए उन्हें समय चाहिए .

शीर्ष अदालत ने इस मामले को जनवरी के दूसरे सप्ताह के लिए सूचीबद्ध करते हुये चंद्रा को कोर्ट की रजिस्ट्री में 750 करोड़ रुपए जमा कराने के बाद इसका उल्लेख करने की छूट प्रदान की.

शीर्ष अदालत ने 23 अक्तूबर को तिहाड़ जेल में बंद संजय चंद्रा से कहा था कि वह धन वापस चाहने वाले परेशानहाल मकान खरीदारों को धन लौटाने के लिए 1865 करोड़ रुपए में से एक हजार रुपए न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा कराएं.

कोर्ट ने रियल एस्टेट फर्म से यह भी जानना चाहा था कि वह खरीदारों को धन लौटाने और अपनी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अपनी संपत्तियों की नीलामी क्यों नहीं करता है.