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नोटबंदी जैसे हालातः देश में कैश की भारी कमी, ATM के साथ बैंक में भी नहीं हैं पैसे

देश के अलग-अलग हिस्सों से खबरें आ रही है कि एटीएम में पर्याप्त कैश नहीं है, लोगों को काफी चक्कर काटने के बाद भी पैसे नहीं मिल रहे हैं

Abhishek Tiwari

8 नवंबर 2016 को हुए नोटबंदी के बाद देश भर के लोगों को कैश के लिए बैंकों और एटीएम की लाइन में लगकर परेशानी का सामना करना पड़ा था. अभी उस नोटबंदी के ज्यादा दिन नहीं हुए हैं और न ही नोटबंदी की घोषणा हुई है लेकिन देश में अघोषित नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से खबरें आ रही हैं कि एटीएम और बैंक में पर्याप्त कैश नहीं होने के कारण परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है.

बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बीते कई दिनों से लोगों को कैश नहीं मिल पा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से खबर आ रही है कि अपने ही पैसे को निकालने के लिए लोगों को एटीएम के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.


यह हालात केवल राज्यों में ही नहीं है बल्कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक, गुड़गांव के 80 प्रतिशत एटीएम कैशलेस हो गए हैं.

पैसे की कमी पर शिवराज ने जताई थी साजिश की आशंका

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा था कि एटीएम में पैसों की कमी के पीछे कोई साजिश है. उन्होंने कहा कि 16.5 लाख करोड़ नोट छापे गए हैं और मार्केट में पहुंच चुके हैं. लेकिन 2000 के नोट कहां जा रहे हैं? कौन लोग नकदी संकट जैसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं? समस्या उत्पन्न करने की साजिश चल रही है और राज्य सरकार इसके बारे में सख्त कदम उठाएगी, हम केंद्र सरकार के संपर्क में भी हैं.

नोटबंदी के बाद सुधर गए थे हालात

नोटबंदी के बाद बाजार में कैश की आई कमी के बाद आरबीआई ने हालात को सुधारने के लिए लगभग 5 लाख करोड़ रुपए के 2000 के नोट जारी किए थे और ये नोट प्रचलन में थे. इनके आने से कैश की कमी की स्थिति सुधर गई थी.

देश में उत्पन्न हुए इस हालात पर लोगों को भी कुछ समझ नहीं आ रहा है. एक तरफ शादियों का मौसम चल रहा है तो दूसरी तरफ किसान मुश्किल में हैं क्योंकि यह फसल कटाई का समय है. ऐसे में उन्हें कैश की किल्लत से भारी कठीनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भी हालात ठीक नहीं हैं. लोगों का कहना है कि हम पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं. कई एटीएम खाली पड़े हुए हैं. पूरे शहर में ऐसे ही हालात हैं.

वहीं उत्तर प्रदेश के बनारस में भी हालात नोटबंदी जैसे हो गए हैं. लोगों का कहना है कि हमें समझ नहीं आ रहा कि आखिर समस्या क्या है लेकिन आम लोग इसका सामना कर रहे हैं. हमें अपने बच्चों के एडमिशन के लिए और सब्जी खरीदने के लिए पैसे चाहिए, लेकिन सुबह से 5-6 एटीएम जाने के बाद भी हाथ खाली ही हैं.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी लोगों को पैसे निकालने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि हालात पिछले 10 से 15 दिन से ऐसे ही हैं. लोग कई एटीएम का चक्कर काटने के बाद भी खाली हाथ ही लौट रहे हैं.

तीन दिन में सुधर जाएंगे हालात

इस पूरे मामले पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा है कि कैश की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कैश करेंसी 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए हैं. उन्होंने कहा कि एक समस्या यह है कि किसी राज्य के पास ज्यादा करेंसी है और किसी के पास कम. सरकार ने राज्यवर समिति बनाई है. इसके अलावा आरबीआई ने भी एक समिति बनाई है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में करेंसी ट्रांसफर करेंगे. यह मात्र तीन में हो जाएगा.

एटीएम ही नहीं बैंकों में भी हालात बदतर

ऐसा नहीं है कि पैसे की कमी से सिर्फ एटीएम ही खाली हैं बल्कि जो लोग बैंक में पैसे निकालने के लिए जा रहे हैं, वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. बैंक ग्राहक के जरूरत के हिसाब से पैसे देने के बजाय बहुत ही कम मात्रा में पैसे दे रहे हैं. इसके पीछे के कारण पर उनका कहना है कि कैश मिल ही नहीं रहा.

जो ग्राहक 20000 रुपए निकालने बैंक पहुंच रहा है, उसे बैंक मात्र 5000 रुपए देकर निवेदन कर रहे हैं कि इतना में ही काम चलाइए पैसे की कमी है. कई बैंक मैनेजरों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमें सिर्फ दो लाख रुपए में पूरे दिन बैंक चलाना पड़ रहा है. बैंक कर्मचारी मानसिक रूप से दबाव में हैं. कई बार हालात बिगड़ जा रहे हैं क्योंकि ग्राहकों को पर्याप्त पैसा नहीं मिल पाने के कारण कहा-सुनी की नौबत भी आ जा रही है.

वापस नहीं आ रहे नोट

एटीएम एवं बैंकों में पैदा हुए इस हालात पर बैंक से जुड़े लोगों का कहना है कि डिपॉजिट में कमी और निकासी में बढ़ोत्तरी के चलते इस तरह के हालात पैदा हुए हैं. माना जा रहा है कि फिर से करेंसी की जमाखोरी हो रही है, क्योंकि दो हजार के चलन में जो नोट हैं वो वापस ही नहीं आ रहे हैं. इसको देखते हुए आरबीआई ने दो हजार के नोट को जारी करने में कमी ला दी थी.