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एटीएम कैश क्राइसिस की मार झेल रहे हैं देश के ये शहर

देश के अलग-अलग शहरों से खबर आ रही है कि एटीएम में पैसे नहीं हैं, ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

FP Staff

देश के अलग-अलग हिस्सों में एटीएम में पैसे नहीं हैं, इस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है. यह हालात कई दिनों बने हुए हैं. लोगों को समझ नहीं आ रहा कि इसके पीछे का कारण क्या है लेकिन पैसे उनके के हाथ नहीं लग रहे हैं. इस पूरे मामले पर वित्त राज्य मंत्री ने कहा है कि हालात मात्र तीन दिन में सुधर जाएंगे.

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में लोगों को एटीएम से कैश निकालने में काफी परेशानी हो रही है. एटीएम में पैसे नहीं है. लोगों ने बताया कि शहर के कई हिस्सों में हालात ऐसे ही हैं.

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी हालात कुछ ठीक नजर नहीं आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि हमें समझ नहीं आ रहा कि आखिर समस्या क्या है लेकिन आम लोग इसका सामना कर रहे हैं. हमें अपने बच्चों के एडमिशन के लिए और सब्जी खरीदने के लिए पैसे चाहिए, लेकिन सुबह से 5-6 एटीएम जाने के बाद भी हाथ खाली ही हैं.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी लोगों को पैसे निकालने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने बताया कि हालात पिछले 10 से 15 दिन से ऐसे ही हैं. लोग कई एटीएम का चक्कर काटने के बाद भी खाली हाथ ही लौट रहे हैं.

देश की राजधानी दिल्ली में भी हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. लोगों ने बताया कि ज्यादातर एटीएम में कैश हैं ही नहीं. लोगों ने कहा कि जिन एटीएम से पैसे निकल रहे उनमें केवल 500 का नोट ही आ रहा है.

गुजरात के वड़ोदरा शहर में भी लोगों को दिक्कतें पेश आ रही हैं. लोगों ने बताया कि ज्यादातर एटीएम खराब हैं. जो एटीएम ठीक हैं वहां पर लंबी लाइन लग रही है जिससे पैसे निकालना और मुश्किल हो जा रहा है.

बिहार की राजधानी पटना के लोग कैश की कमी के कारण कई दिनों से परेशान हैं. लोग बता रहे हैं कि पिछले तीन दिन से एटीएम का चक्कर काट रहे हैं लेकिन पैसे हाथ नहीं लग रहे. गर्मी के मौसम में लोगों की हालत खराब है.

तीन दिन में सुधर जाएंगे हालात: वित्त राज्य मंत्री

इस पूरे मामले पर वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने कहा है कि कैश की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कैश करेंसी 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए हैं. उन्होंने कहा कि एक समस्या यह है कि किसी राज्य के पास ज्यादा करेंसी है और किसी के पास कम. सरकार ने राज्यवर समिति बनाई है. इसके अलावा आरबीआई ने भी एक समिति बनाई है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में करेंसी ट्रांसफर करेंगे. यह मात्र तीन में हो जाएगा.