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आखिर क्यों चाहिए सरकार को RBI से पैसा? अरुण जेटली ने बताई असली वजह

वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है उसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिजर्व पूंजी सरकारी घाटे को कम करने के लिए नहीं चाहिए.

FP Staff

वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है उसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिजर्व पूंजी सरकारी घाटे को कम करने के लिए नहीं चाहिए. इससे पहले आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच काफी तनातनी देखी गई थी और ऐसी चर्चाएं थी कि सरकारी घाटे को कम करने के लिए सरकार आरबीआई से पैसों की मांग कर रही थी.

लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार सरकारी घाटे को कम करने के लिए आरबीआई से पैसे नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में तेजी लाने और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए इसका उपयोग करने की मांग की जा रही है. जेटली का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार के पास राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने का सबसे अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है. जेटली ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने टैक्स बढ़ाने, गरीबी उन्मूलन और सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रमों के लिए ज्यादा धन आवंटित करने में मदद की है.


RBI के आर्थिक पूंजी ढांचे (ECF) से संबंधित मुद्दों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि अधिकांश देशों के केंद्रीय बैंक 8 फीसदी रिजर्व पूंजी रखते हैं, जबकि कुछ रूढ़िवादी केंद्रीय बैंक 14 फीसदी का भंडार बनाए रखते हैं. लेकिन आरबीआई 28 फीसदी का रिजर्व रख रहा था. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति केंद्रीय बैंक के उचित रिजर्व पर फैसला करेगी ताकि अधिशेष धन का उपयोग गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के वित्तपोषण और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए किया जा सके.