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ग्राहक सत्यापन के लिए 'आधार' का इस्तेमाल करगी एयरटेल

ग्राहकों की मंजूरी के बिना ही समूह के भुगतान बैंक में करोड़ों रुपए की एलपीजी सब्सिडी जमा करवा दी गई थी

Bhasha

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने भारती एयरटेल को अपने मोबाइल ग्राहकों का सत्यापन आधार के जरिए करने के अधिकार को बहाल कर दिया है. हालांकि कंपनी को यह मंजूरी कुछ शर्तों के साथ दी गई है.

हालांकि मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यूआईडीएआई ने एयरटेल पेमेंट बैंक को ई- केवाईसीके लिए आधार के प्रयोग की सुविधा बहाल नहीं की है. दिसंबर में एयरटेल का आधार का इस्तेमाल करने के बाद प्राधिकरण ने उसे कुछ समय के लिए इस सुविधा के इस्तेमाल की छूट दे रखी थी.


एयरटेल को आधार कानून के अनुपालन को लेकर तिमाही रिपोर्ट देनी होगी तथा समय- समय पर प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना होगा. यूआईडीआई ने यह पाया कि कंपनी ‘महत्वपूर्ण बातों’ का अनुपालन कर रही और प्राधिकरण को लगातार अद्यतन जानकारी देने की पेशकश की. इसके बाद उक्त निर्णय किया गया.

दूरसंचार कंपनी एयरटेल तथा एयरटेल पेमेंट बैंक पिछले साल यूआईडीएआई के निशाने पर आए. सुनील भारती की अगुवाई वाली कंपनी ने अपने बहुत से मोबाइल ग्राहकों की मंजूरी के बिना ही समूह के भुगतान बैंक में उनके खाते और इन खातों में करोड़ों रुपए की एलपीजी सब्सिडी जमा करवा दी गई.

ग्राहकों के बिना इजाजत के एयरटेल ने किया था आधार का इस्तेमाल 

सरकार और यूआईडीएआई ने दिसंबर में इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए कंपनी को अपने मोबाइल ग्राहकों के सत्यापन तथा पेमेंट बैंक के ग्राहकों के ई- केवाईसीके लिए आधार आधारित पर रोक लगा दी थी.

बाद में एयरटेल को कुछ शर्तों के साथ निश्चित अवधि के लिए अपने मोबाइल ग्राहकों के फिर से सत्यापन के लिए आधार के उपयोग को मंजूरी दे दी. इस ताजा कदम से यूआईडीएआई ने भारती एयरटेल के ई- केवाईसी लाइसेंस बहाल कर दिया है.

ये चीजें ऐसे समय हुई हैं जब बैंक खातों तथा मोबाइल नंबर को आधार से जोड़ने की समय सीमा पहले ही अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी गई हैं. यह तब तक के लिए बढ़ाया गया जब तक पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस मामले में फैसला नहीं सुनाती.