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एयरपोर्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए 2030 तक 45 अरब डॉलर निवेश की जरूरत

कापा के अनुमान के मुताबिक देश के शीर्ष 17 हवाई अड्डों की मौजूदा क्षमता 29.8 से 31.65 करोड़ यात्रियों की है

Bhasha

देश के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में इन एयरपोर्ट्स की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. क्षमता विस्तार के लिए एयरपोर्ट्स में करीब 45 डॉलर निवेश करने की जरूरत है.

विमानन क्षेत्र के शोध संस्थान सेंटर फॉर एशियन पैसिफिक एविएशन (CAPA) के मुताबिक 2030 तक भारत के हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या 50 से 60 करोड़ बढ़ जाएगी. इसके लिए हवाई अड्डों को अतिरिक्त क्षमता बनाने की जरूरत होगी.


क्या कहती है कापा की रिपोर्ट?

कापा के अनुमान के अनुसार देश के शीर्ष 17 हवाई अड्डों की मौजूदा क्षमता 29.8 से 31.65 करोड़ यात्रियों की है. मौजूदा हवाई अड्डों  के पूर्ण निर्माण और उनके अपनी अधिक संरचनात्मक क्षमता हासिल करने के बाद ये संख्या बढ़कर 43.1 करोड़ से 46.3 करोड़ पर पहुंच जाएगी.

कापा ने कहा कि यदि यात्रियों की वृद्धि दर 10 प्रतिशत सालाना मानी जाए तो मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता के हवाई अड्डे अगले एक से पांच साल यानी 2019 से 2022 में अपनी अधिकतम क्षमता पर पहुंच जाएगी. इसके अलावा एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया द्वारा संचालित 10 हवाई अड्डे पुणे, जयपुर, श्रीनगर, लखनऊ, देहरादून, अगरतला, गुवाहाटी, कोझीकोड, मेंगलूर और त्रिची अपनी डिजाइन क्षमता से अधिक खुल चुके हैं.

दिल्ली के इंदिरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की मौजूदा क्षमता 6.4 से 7.25 करोड़ यात्री सालाना की है. ये वित्त वर्ष 2021-22 तक अपनी कुल 9 से 10 करोड़ यात्रियों की ढांचागत क्षमता हासिल कर लेगा.

कापा का कहना है कि भारत को 2030 तक 50 से 60 करोड़ यात्रियों के लिए अतिरिक्त क्षमता का निर्माण करना होगा। इसके लिए 36 से 45 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी। इसमें 12 से 15 अरब डॉलर की इक्विटी पूंजी भी शामिल होगी.