आरबीआई ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बैंकों द्वारा आयात के लिए व्यापार ऋण पर गारंटीपत्र (एलओयू) और भरोसा-पत्र (एलओसी) जारी किए जानेकी व्यवस्था पर मंगलवार को रोक लगा दी.
आरबीआई ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब कुछ ही दिनों पहले हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी द्वारा एलओयू का इस्तेमाल कर पंजाब नेशनल बैंक के साथ करीब 13 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि गारंटीपत्र पर रोक लगाने का फैसला तत्काल प्रभाव से लागू है.
आरबीआई ने एक नोटिफिकेशन में कहा, ‘गाइडलाइंस की समीक्षा के बाद आयात के लिए बैंकों द्वारा गारंटीपत्र जारी किए जाने की सुविधा पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है.’
अब आयातक लेटर ऑफ क्रेडिट और बैंक की गारंटी के जरिए बैंक से लोन ले सकते हैं. आरबीआई ने आयातकों के लिए ये दोनों विकल्प खुला रखा है. लेटर ऑफ क्रेडिट का ही प्रचलन दुनिया के अधिकतर देशों में है और इसे अधिक भरोसेमंद माना जाता है. एलओयू के जरिए होने वाले ट्रांजेक्शंस का बैंक को पता नहीं रहता है लेकिन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए होने वाले लेन-देन की जानकारी बैंकों को होती है. हालांकि लेटर ऑफ क्रेडिट आयातकों के लिए थोड़ा महंगा पड़ेगा लेकिन बैंकों में हो रहे घोटालों को देखते हुए आरबीआई के इस कदम से इस तरह के घोटालों पर रोक लगेगी.