view all

राम रहीम राज: सिरसा में चलते थे प्लास्टिक के सिक्के

राम रहीम के इस साम्राज्य में भारत सरकार के कानून की जगह बाबा का कानून चलता था

Bhasha

जब से गुरमीत राम रहीम को रेप के मामले में सजा सुनाई गई है तब से उसके साम्राज्य के बारे में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं. राम रहीम के समर्थकों ने जिस तरह का उत्पात मचाया उससे यह साफ हो गया है की डेरा के नाम पर राम रहीम ने एक समानांतर व्यवस्था और साम्राज्य खड़ा कर लिया था.

राम रहीम के इस साम्राज्य में भारत सरकार के कानून की जगह बाबा का कानून चलता था. यहां तक कि खरीदारी और लेन-देन के लिए बाबा के नाम पर अलग करेंसी भी चलती थी. इस तरह की करेंसी चलाना गैरकानूनी है और दंडनीय अपराध है.


इसके बावजूद भारत सरकार और रिजर्व बैंक को ठेंगा दिखाकर सिरसा में डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय में पंथ प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायी, जो वहां दुकानों का संचालन करते थे वे ग्राहकों को छुट्टे देने के लिए अलग करेंसी चलाते थे.

डेरा परिसर के भीतर और इर्दगिर्द स्थित इन दुकानों पर नाम के प्रारंभ में ‘सच’ लिखा होता था. ग्राहक यदि भारतीय करेंसी यानी रुपए में खुल्ले नहीं दे पाते तो दुकानदार इनके बदले पांच और दस रुपए के प्लास्टिक के सिक्के या टोकन उन्हें दिया करते थे.

अलग-अलग कलर कोड में थे सिक्के

इन सिक्कों पर लिखा होता था ‘धन धन सतगुरू तेरा ही आसरा, डेरा सच्चा सौदा सिरसा’, इनका इस्तेमाल ग्राहक बाद में ‘सच’ दुकानों से सामान खरीदने में कर सकते थे.

डेरा परिसर करीब एक हजार एकड़ इलाके में फैला है, इसकी अपनी टाउनशिप है, अपने स्कूल हैं, खेल गांव, अस्पताल और सिनेमा हॉल भी है.

डेरा मुख्यालय के इर्दगिर्द के दुकानदार ‘सच दुकानें’ चलाते थे उनके पास अलग-अलग कलर कोड के प्लास्टिक के सिक्के होते थे.

डेरा प्रमुख को सीबीआई अदालत द्वारा बलात्कार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद डेरा मुख्यालय के इर्दगिर्द हालात का जायजा लेने सिरसा पहुंचे कुछ संवाददाताओं को भी भारतीय रुपए के स्थान पर ऐसे प्लास्टिक के सिक्के दिए गए.