बैंक ग्राहकों को प्रत्येक ट्रांजेक्शन के लिए SMS भेजते हैं. SMS एलर्ट के बदले ग्राहकों से चार्ज भी लिया जाता है. यह चार्ज ग्राहकों की जेब पर कोई खास असर नहीं डालता, लेकिन बैंकों को इससे मोटी कमाई होती है. जबकि ग्राहकों से चार्ज लेना आरबीआई के दिशा निर्देशों के खिलाफ है.
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, SMS एलर्ट के बदले बैंकों से चार्ज लेना आरबीआई की एडवाइजरी के खिलाफ इसलिए है क्योंकि RBI ने सभी बैंकों को फ्रॉड और किसी चार्ज को काटने से पहले ग्राहक को SMS के जरिए सूचित करने के लिए कहा था. आरबीआई ने इसके लिए बैंकों को वास्तविक उपयोग के आधार पर चार्ज लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन SBI और ICICI बैंक समेत ज्यादातर बैंक इन नियमों का पालन नहीं करते.
बैंकिंग कोड्स और स्टैंडर्ड्स ऑफ इंडिया के चेयरमैन एसी महाजन ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि यह चार्ज करना आरबीआई के निर्देश का उल्लंघन है. 48 में से करीब 19 बैंक तिमाही में 15 रुपए चार्ज लगाते हैं जो टैक्स लगाने के बाद 17.7 रुपए हो जाता है.
महाजन ने बताया कि RBI के निर्देशों के मुताबिक बैंकों को डेबिट कार्ड से होने वाले सभी ट्रांजेक्शन, एटीएम से नगद निकासी, नेफ्ट और आरटीजीएस ट्रांजेक्शन में बेनेफिशरी के खाते में पैसे क्रेडिट होने के बाद एसएमएस अलर्ट भेजना अनिवार्य है और यह सेवा फ्री है. इसके अतिरिक्त अन्य ट्रांजेक्शन के लिए बैंक जो अलर्ट भेजते हैं उस पर चार्ज वसूला जाता है.