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जानें शरद पूर्णिमा के चांद के अमृत वर्षा का मुहूर्त, इन मंत्रों से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

शरद पूर्णिमा की रात में अमृत वर्षा का समय शाम 7 बजे से रात के 12 बजे तक है.

FP Staff

5 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है. आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं. अश्विन महीने में पड़ने वाली पू्र्णिमा का विशेष महत्व होता है. शरद पूर्णिमा वाली रात को जागरण करने और रात में चांद की रोशनी में खीर रखने का विशेष महत्व होता है. इस रात को चंद्रमा अपनी पूरी सोलह कलाओं के प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते हैं. शरद पूर्णिमा को कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

अपार धन और सुख समृद्धि पाने इस मंत्र का करें जाप?


रात के समय मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाएं. इसके बाद उन्हें गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें. फिर उन्हें सफेद मिठाई और सुगंध भी अर्पित करें. इसके बाद उनके मंत्र का कम से कम 11 माला जाप करें.

मंत्र है- 'ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः'.आपको धन की कमी कभी नहीं  होगी.

लक्ष्मी पूजा का मुहुर्त:

सिद्धि मुहुर्त: रात 5 बजकर 57 मिनट से रात 7 बजकर 49 मिनट तक.

अमृत मुहुर्त: रात 7 बजकर 50 मिनट से रात 9 बजकर 17 मिनट तक.

शरद पूर्णिमा की चांदनी में विशेष अमृतमयी गुण भी होता है, जिससे बहुत ढेर सारी बीमारियों का नाश होता है. शरद पूर्णिमा की रात में अमृत वर्षा का समय शाम 7 बजे से रात के 12 बजे तक है.

शरद पूर्णिमा की रात ऐसे करें पूजन

- घर में लक्ष्मी के स्थाई निवास के लिए, शरद पूर्णिमा की शाम से लेकर सुबह तक अखंड दीप जलाएं.

- लक्ष्मी पूजन में आप छोटे नारियल की पुजा करके उसे पूजा स्थान पर स्थापित करें.

- शरद पूर्णिमा की रात सहस्त्रनाम,लक्ष्मी अष्टोत्र नावामली, सिद्धिलक्ष्मी कवच, श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त, महालक्ष्मी कवच, कनकधारा के पाठ से भी आपको मां लक्ष्मी की कृपा मिलेगी.

- दक्षिणावर्ती शंख से मां लक्ष्मी का करें अभिषेक.