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शांति पाने के लिए हमें अपने जीने के नजरिए को बदलना होगा

ध्यान के द्वारा हम शांतिपूर्ण ढंग से जीवन का सामना करने लगते हैं क्योंकि हम इसकी असलियत को जान जाते हैं, इसी ज्ञान के द्वारा हम जीवन की समस्याओं का मुकाबला पूरे साहस के साथ करने लगते हैं

Sant Rajinder Singh Ji

आज समस्त संसार में लोग शांति पाने के प्रयासों में लगे हैं. विभिन्न देश भी लगातार आपस में वार्ता करते रहते हैं ताकि आपस में शांति कायम हो सके. शांति की खोज विश्वस्तर पर जारी है. यह हैरत की बात है कि बहुत से लोगों द्वारा शांति की लंबी खोज के बावजूद इसकी उपलब्धि भ्रामक लगती है. इस धरती पर ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं होता जो हमें सच्ची और हमेशा की शांति दे सके.

इंसानी जीवन और दुख साथ-साथ चलते हैं. भले ही कोई अमीर हो या गरीब, राजा हो या किसान, सबका जीवन किसी न किसी समस्या से घिरा रहता है. किसी भी व्यक्ति का जीवन दुर्घटना या बीमारी के बिना व्यतीत नहीं होता. हमारे सिर पर मौत का साया निरंतर मंडराता रहता है और हम अपना जीवन शांति से व्यतीत नहीं कर पाते.


परिवार के किसी भी सदस्य के बीमार या दुखी होने पर परिवार के सभी सदस्य दुख के अवस्था में आ जाते हैं. इसी प्रकार, घर और बाहर हमारा किसी न किसी से झगड़ा या तनाव चलता ही रहता है. निश्चित रूप से ऐसा समय भी आता है जब हमें जीवन में खुशियों का अनुभव होता है, लेकिन वो खुशियां क्षणभंगुर ही होती हैं और जल्द ही हम फिर किसी न किसी तनाव से घिर जाते हैं. इसीलिए हमें महसूस होने लगता है कि जीवन में शांति पाना नामुमकिन है. लेकिन यह सच है कि सच्ची शांति हम इसी जीवन में पा सकते हैं. हमें बस अपने जीने के नजरिए को बदलना है, जीवन के उतार-चढ़ाव को सहना है.

आमतौर पर हम शांति की तलाश बाहरी जगत में करते हैं. हम भौतिक वस्तुओं, सामाजिक दर्जों, और रिश्ते-नातों में शांति तलाशते हैं. पर इनमें से किसी के भी खो जाने पर हम उत्तेजित हो उठते हैं और घबरा जाते हैं. हमारे मन की शांति भंग हो जाती है. लेकिन सच्ची शांति हमारे अंतर में विद्यमान है.

संत राजिंदर सिंह जी

ध्यान के द्वारा हम अंतर में प्रभु की दिव्य ज्योति व श्रुति के साथ जुड़ते हैं. ऐसा करने से हमारी आत्मा अत्यंत खुशी व आनंद का अनुभव करती है. यह परम सुख आत्मा के साथ हर समय रहता है. आंतरिक शांति का अनुभव करके हम बाहरी शांति भी प्राप्त कर सकते हैं. हम अपने आसपास के लोगों के साथ शांति व प्रेम का व्यवहार करते हैं. इससे हमारे अंतर की शांति दूसरों तक भी फैलती है. आत्मिक और बाहरी जीवन में विकसित होकर हम संपूर्ण इंसान बन जाते हैं.

हम न तो अपनी सांसारिक परिस्थितियों को बदल सकते हैं और न ही उनसे जुड़ी समस्याओं को खत्म कर सकते हैं. पर ध्यान के द्वारा इन समस्याओं को देखने का हमारा नजरिया बदल सकता है. ध्यान के द्वारा हम शांतिपूर्ण ढंग से जीवन का सामना करने लगते हैं क्योंकि हम इसकी असलियत को जान जाते हैं. इसी ज्ञान के द्वारा हम जीवन की समस्याओं का मुकाबला पूरे साहस के साथ करने लगते हैं. ऐसा करने से हम अपने आसपास के लोगों के लिए भी हिम्मत व शांति का स्रोत बन जाते हैं.

(लेखक सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख हैं)