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जानें राखी बांधने का सही समय, मुहूर्त बीत जाने पर करें यह आसान उपाय

राखी बांधने के लिए 7 अगस्त को सुबह 11:04 बजे के बाद से लेकर दोपहर 1:50 के बीच का समय शुभ होगा

Shyamnandan Kumar

नि:संदेह रक्षाबंधन एक बहुप्रतीक्षित त्योहार है, जिसका इंतजार केवल भाई-बहन ही नहीं बल्कि परिवार के सभी सदस्य करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार यह पावन पर्व वर्ष 2017 में सात अगस्त को मनाया जाएगा.

रक्षाबंधन वर्ष के वैसे त्योहारों में शामिल है, जिसके लिए सही मुहूर्त का ज्ञान होना आवश्यक है, ताकि बहनें एक निश्चित मुहूर्त में भाइयों को राखी बांध सकें और ईश्वर से उनकी दीर्घ आयु, सफलता और समृद्धि की कामना कर सकें.


इस वर्ष रक्षाबंधन के सही समय को लेकर लोगों में काफी संशय बना हुआ है. क्योंकि, इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल और चंद्रग्रहण दोनों की अशुभ छाया पड़ रही है.

जानिए क्या है भद्रा का समय

रक्षाबंधन का पावन पर्व सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. यह तिथि अक्सर भद्राकाल से पीड़ित होती है. परंपरा के अनुसार, भद्राकाल में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है इसलिए इस अवधि में राखी बांधना वर्जित है.

पंचांग के अनुसार, वर्ष 2017 की सावन पूर्णिमा को 'भद्रा पूंछ' की अवधि प्रातः 06:40 से 07:55 बजे तक है, जबकि 'भद्रा मुख' सुबह 07:55 से 10:01 बजे तक बना रहेगा और भद्रा काल समाप्ति प्रातः 11:04 बजे तक हो जाएगी. इसलिए भद्रा काल से पहले या उसके टलने के बाद ही राखी बांधी जानी चाहिए.

पूर्णिमा और चंद्रग्रहण सूतक अवधि

पंचांग गणना के मुताबिक, श्रावण मास की शुक्ल पूर्णिमा सूर्योदय से पूर्व ही शुरु हो जाएगी, जो रात के 11 बजकर 41 मिनट तक चलेगी. लेकिन यह तिथि चंद्रग्रहण और उसके सूतक प्रभाव से भी पीड़ित है. यह भद्रा काल से ज्यादा अशुभ मानी गई है इसलिए लोगों को चंद्रग्रहण के सूतक का अवश्य ध्यान रखना चाहिए.

बता दें, रक्षा बंधन पर लगने वाला यह चंद्रग्रहण एक खंडग्रास चंद्रग्रहण है, जो 7 अगस्त को रात में 10 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगा. लेकिन इसका सूतक 9 घंटे पहले ही यानी 7 अगस्त को दोपहर बाद 1 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा, जो रात्रि 12 बजकर 49 मिनट तक बना रहेगा.

जानिए रक्षा बंधन का सही मुहूर्त

इसलिए इस बार बहनों को भद्रा काल की समाप्ति और चंद्रग्रहण के सूतक लगने से पहले ही अपने भाईयों को राखी बांध देनी चाहिए. इसके लिए सुबह 11:04 बजे के बाद से लेकर दोपहर 1:50 के बीच का समय शुभ होगा.

राखी बांधने का यह समय लगभग ढाई घंटे का है, जो अन्य वर्षों की अपेक्षा कम अवधि की है. लेकिन राखी बांधने के लिए यह समय पर्याप्त है. बता दें, खान-पान और मनोरंजन के कार्यक्रमों का भद्रा काल और चंद्रग्रहण के सूतक की अवधि से कोई लेना-देना नहीं है.

मुहूर्त गुजर जाने पर क्या करें

लेकिन साथ ही यह भी जान लें कि यदि रक्षाबंधन का उचित मुहूर्त बीत जाए तो क्या उपाय करना चाहिए. आपको बता दें, इस वर्ष रक्षाबंधन पावन श्रावण मास के अंतिम सोमवार को पड़ रहा है. यह मास और दिन आशुतोष भगवान शिव को बहुत अतिप्रिय है.

यदि रक्षाबंधन का उचित मुहूर्त गुजर जाए, तो बहनें अपने भाई को राखी बांधने से पहले ये आसान उपाय अपना आकर अमंगल को मंगल में बदल सकती हैं.

राखी (रक्षा सूत्र) को भगवान शिव की प्रतिमा, तस्वीर या शिवलिंग पर अर्पित करें. फिर, महामृत्युंजय मंत्र का एक माला (108 बार) जप करें. इसके बाद देवाधिदेव शिव को अर्पित किया हुआ रक्षा-सूत्र भाईयों की कलाई पर बांधें. महाकाल भगवान शिव की कृपा, महामृत्युंजय मंत्र और श्रावण सोमवार के प्रभाव से सब शुभ होगा.