शनिवार को निर्जला एकादशी है. यह व्रत ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ता है. निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इसलिए इस दिन व्रत रखने के साथ ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करने का विधान है.
कहा जाता है कि यह मंत्र 108 बार जाप करने से अक्षय पुण्य मिलता है. ऐसी भी मान्यता है कि इस एकदाशी के व्रत से 24 एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है. तभी ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी सर्वश्रेष्ठ एकादशी मानी जाती है.
निर्जला एकादशी की तिथि
निर्जला एकादशी शनिवार को 3 बजकर 19 मिनट पर शुरू होकर 24 जून 2018 की सुबह 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगी.
कैसे करें व्रत
निर्जला एकादशी व्रत बिना पानी पिए रखा जाता है. अगर पानी पीते भी हैं तो, अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. निर्जला एकादशी पर हमें कुछ काम करने से बचाना चाहिए. जैसे कि घर में चावल न बनाएं. असत्य बोलने से बचें. व्रत के दिन किसी भी प्रकार की हिंसा ना करें. साथ ही मन, वचन और कर्म से किसी को दुख पहुंचाने से बचना चाहिए.
निर्जला एकादशी का महत्व
एक साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं. सभी एकादशियों पर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विधान है. इनमें निर्जला एकादशी सर्वश्रेष्ठ है. ऐसा माना जाता है कि साल भर की 24 एकादशियों के व्रत का फल सिर्फ एक निर्जला एकादशी व्रत रखने से प्राप्त हो जाता है.