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Navratri 2018: दुर्गा मां के इन पंडाल को नहीं देखेंगे तो समाज को कैसे समझेंगे

कोलकाता में बारा बागान कल्चरल एसोसिएशन ने ट्रांसजेंडर की थीम पर इस बार दुर्गा पूजा का पंडाल बनाया है

FP Staff

दुर्गा पूजा के समय कोलकाता में बने दुर्गा मां के पंडाल देशभर में प्रसिद्ध हैं. हर साल यहां अलग-अलग थीम पर पंडाल बनाए जाते हैं जिन्हें लोग दूर-दूर से देखने आते हैं. इस साल भी कई आकर्षक पंडाल बनाए गए हैं. लेकिन इस बार इन पंडालों में एक खास बात दिखाई दे रही है. कोलकाता में बनाए गए पंडालों में इस बार सामाजिक मुद्दों को उठाने पर ध्यान दिया गया है.

कोलकाता में बारा बागान कल्चरल एसोसिएशन ने ट्रांसजेंडर की थीम पर इस बार दुर्गा पूजा का पंडाल बनाया है.


इस थीम को बनाने के पीछे मकसद लोगों को ट्राजेंडर्स को आए दिन होने वाली समस्याओं से अवगत कराना था और ये बताना था कि कैसे ट्रांसजेंडर्स को अपनी छोटी-छोटी जरूरतें पूरी करने के लिए भीख मांगनी पड़ती है और सेक्स वर्कर भी बनना पड़ता है.

इसके अलावा कोलकाता के बेहाला फ्रेंड क्लब में भी एक पंडाल बनाया गया जिसमें शरणार्थी संकट थीम पर दुर्गा मां का पंडाल बनाया गया है.

इसके अलावा कोलकाता के बागबाजार इलाके में बना पंडाल भी काफी पंसद किया जा रहा है जिसे फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों ने बनाया है. इसे बनाने में कुछ एनजीओं और मूर्तिकारों ने बच्चों की मदद की है. इन बच्चों का कहना है कि हमें किसी पंडाल में घुसने नहीं दिया जाता लेकिन हमारे पंडाल में हर कोई आसकता है. इस पंडाल की थीम 'इच्छे पुरोन'रखी गई है, मतलब इच्चा पूरा होना.