view all

नवरात्रि 2017: आज करें मां कात्यायनी की पूजा, होगी हर मुराद पूरी

नवरात्र के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें, यह रंग शक्ति का प्रतीक होता है

FP Staff

नवरात्र के छठे दिन मां शक्ति के कात्यायनी रूप का पूजन होता है. मां के इस रूप और जन्म के विषय में यहां जानिए पूरी कथा. साथ ही जानें, मां के पूजना का मंत्र.

क्यों पड़ा देवी के इस रूप का नाम कात्यायनी


इस दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है, जो अपने भक्त की हर मुराद पूरी करती हैं. बताया जाता है कत नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि थे, उनके पुत्र ऋषि कात्य हुए. इन्हीं कात्य के गोत्र में विश्वप्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुए थे.

इन्होंने भगवती की उपासना करते हुए बहुत वर्षों तक बड़ी कठिन तपस्या की थी. उनकी इच्छा थी मां भगवती उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लें. मां भगवती ने उनकी यह प्रार्थना स्वीकार कर ली, जिसके बाद से मां का नाम कात्यायनी पड़ा. यह दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी भी कहलाती हैं.

चार भुजाधारी और सिंह पर सवार हैं मां

अपने सांसारिक स्वरूप में मां कात्यायनी शेर पर सवार रहती हैं. इनकी चार भुजाएं हैं. इनके बांए हाथ में कमल और तलवार है. दाहिने हाथ में स्वस्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है. दुर्गा पूजा के छठे दिन इनके स्वरूप की पूजा की जाती है.

ऐसे करें माँ कात्यायनी की पूजा

छठे शारदीय नवरात्र 2017 के दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. मंदिर में मां कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. मां की प्रतिमा को तिलक करें. इसके बाद जोत जलाएं, और जोत लेने के लिए गोबर के उपले को जला कर लौंग इलायची का भोग लगाएं.

इस मंत्र से करें मां का पूजन, मिलेगा लाभ

चन्द्रहासोज्जवलकरा शाईलवरवाहना.

कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी..

यह है शुभ रंग

नवरात्र के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र पहनें. यह रंग शक्ति का प्रतीक होता है.