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आ रहा है खरमास, विवाह, उपनयन रहेंगे वर्जित, ये कार्य करें

जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है, तो अगले 1 महीनों तक खरमास रहता है

Prabhakar Thakur

हिंदू कैलेंडर में खरमास का महीना बेहद अशुभ माना जाता है. इन वर्ष खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो रही है जो 14 जनवरी तक रहेगा. इसके बाद दोबारा यह 14 मार्च, 2017 से 13 अप्रैल 2017 तक रहेगा. यह अवधि किसी भी शुभ कार्य के लिए बुरा माना जाता है.

इसी कारण इस दौरान सारे महत्वपूर्ण कार्य जैसे शादी, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश इत्यादि नहीं आयोजित किए जाते. खरमास का पालन मुख्य रूप से उत्तर भारत में बिहार झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में किया जाता है.


हर वर्ष यह लगभग दिसंबर के मध्य से जनवरी के मध्य तक रहता है. माना जाता है कि इस महीने के दौरान सूर्य स्थिर रहता है. इस महीने के बाद ही सूर्य अगले छह महीनों के लिए अपनी उत्तरायण यात्रा प्रारंभ करता है. तब जाकर दोबारा लोग शुभ कार्य करने लग जाते हैं. इसी मौके को कुछ लोग मलमास भी कहते हैं.

खरमास के दौरान क्या ना करें?

खरमास के दौरान कुछ नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण माना जाता है.

-खरमास के प्रारंभ होने के बाद घर या किसी अन्य भवन का निर्माण पूर्णतः वर्जित है. इस दौरान भवन निर्माण सामग्री लेना भी अशुभ होता है.

-विवाह और उपनयन जैसे शुभ संस्कार भी इस दौरान पूर्णतः वर्जित रहते है. इसके अलावा गृह प्रवेश जैसे कार्य भी इस दौरान नहीं होने चाहिए.

- इस महीने किसी संपत्ति अथवा भूमि की खरीद भी बेहद अशुभ होती है. इस महीने के दौरान इससे बचना चाहिए.

-खरमास की शुरुआत के बाद नया वाहन खरीदने से भी बचना चाहिए.

खरमास के दौरान क्या करें?

माना जाता है कि खरमास के अंतिम दिन लोगों को दान-दक्षिणा में हिस्सा लेना चाहिए. दान स्वरूप आप निर्धन जनों को खाद्य सामग्री, गुड़ और कपड़े दे सकते हैं.

आखिर इसके पीछे क्या है कारण?

प्राचीन खगोलशास्त्र के अनुसार हिंदू पंचांग की गणना की जाती है. इसके अनुसार जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करता है, तो अगले 1 महीनों तक खरमास रहता है. इन 30 दिनों की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है.

सूर्य प्रत्येक राशि में एक माह रहता है. इस हिसाब से 12 माह में वह 12 राशियों में प्रवेश करता है. सूर्य का भ्रमण पूरे साल चलता रहता है. 16 दिसंबर को सूर्यदेव के राशि परिवर्तित करते ही खरमास प्रारंभ होगा. सूर्य का भ्रमण धनु में होगा और 14 जनवरी मकर में प्रवेश करने तक यह मास जारी रहेगा.