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Janmashtami 2018: जानिए क्या है व्रत और पूजा विधि, इन बातों का भी रखें खास ध्यान

भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मणी मां लक्ष्मी का अवतार थीं. इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी जी के पूजन भी अवश्य करना चाहिए

Ashutosh Gaur

श्री कृष्ण के जन्मदिन को हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले और भगवान श्री कृष्ण को अपना आराध्य मानने वाले जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की कृपा पाने के लिए भक्तजन उपवास रखते हैं और श्री कृष्ण की पूजा अर्चना करते हैं.

इस बार जन्माष्टमी 3 सितंबर को मनाई जाएगी. भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मणी मां लक्ष्मी का अवतार थीं. इसलिए इस दिन माता लक्ष्मी जी के पूजन भी अवश्य करना चाहिए.


श्री कृष्ण जी का जन्म सिंह राशि का सूर्य वृष राशि का चंद्रमा था, उस भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अर्धरात्रि में रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. यह दिन कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से प्रसिद्ध हुआ. इस दिन व्रत करने से संसार में सुख शांति प्राप्त होती और साथ ही मनुष्य रोग रहित होता.

जन्माष्टमी व्रत की विधि

व्रत से प्रथम दिन पूर्व व्रत का संकल्प लें और उसके नियम ग्रहण करें. व्रत वाले दिन मध्यान में स्नान कर के देवकी जी वासुदेव जी षष्ठी देवी जी और श्री कृष्ण जी की मूर्ति स्थापित कर के उनका मध्यरात्रि में  पूजन अर्चन करें. साथ ही माता लक्ष्मी जी की भी मूर्ति स्थापित कर के उनका भी पूजन करें. कुछ लोग इस दिन चंद्रमा को अर्घ भी देते हैं.

पूजन विधि

श्री कृष्ण जी ध्यान मंत्र

योगेश्वराय योगसंभावय योगपतये गोविन्दाय नमो नमः.

स्नान मंत्र

यज्ञेश्वराय यज्ञसम्भवाय यज्ञपतये गोविन्दाय नमो नमः

नैवेद्य अर्पित मंत्र

विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसंभवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नमः

दीप अर्पण मंत्र

धमेश्वराय धर्मपतये धर्मसम्भवाय गोविन्दाय नमो नमः

इस दिन व्रत और पूजन करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती.

अर्ध रात्रि को ही गुड़ और घी से  वसोर्धार की आहुति देकर षष्ठी देवी जी का पूजन करना चाहिए.

उसके पश्चात् नवमी के दिन प्रातः काल श्री कृष्ण जी एवं देवी जी का उत्सव मनाना चाहिये.

नवमी के दिन ब्राह्मण भोजन कराएं.

प्रत्येक व्यक्ति को जन्माष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिए.

उपाय

जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके कृष्ण मंदिर में जाकर भगवान को पीले फूल चढ़ा सकते हैं. भगवान से प्रार्थना करें. इससे धनलाभ के योग प्रबल बनते हैं.

जन्माष्टमी के दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान कृष्ण का अभिषेक करें,  साथ ही आप यह उपाय हर शुक्रवार कर सकते हैं. ऐसा करने से माता लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और हर मनोकामना पूर्ण करती हैं.

जन्माष्टमी को तुलसी की पूजा करें और ओम नम: वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए 11 बार परिक्रमा करें. इससे आपको कर्ज से मुक्ति मिलेगी.

जन्माष्टमी के दिन अभिषेक करें

जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए जन्माष्टमी की रात 12 बजे भगवान कृष्ण जी का केसर मिश्रित दूध का अभिषेक करें. ऐसा करने से आपके जीवन में ठहराव आएगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. अभिषेक करने के पश्चात्  मंत्र जाप करे.

 मंत्र जाप

जन्माष्टमी के दिन ‘मंत्र- क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरे: परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः का 108 बार जाप करें.