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Ganesh Chaturthi 2018: जानिए गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें और क्या नहीं

कुछ जगहों पर गणेश चतुर्थी को पत्तर चौथ और कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन नहीं किया जाता

FP Staff

भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश का इसी दिन जन्म हुआ था. भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी को सोमवार के दिन मध्याह्न काल में, स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था. इसलिए मध्याह्न काल में ही भगवान गणेश की पूजा की जाती है, इसे बेहद शुभ समय माना जाता है. भाद्रपद मास की गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी या सिद्धीविनायक चतुर्थी भी कहा जाता है. कुछ जगहों पर इसे पत्तर चौथ और कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन नहीं किया जाता. मान्यता है कि चंद्र दर्शन करने से इस दिन कलंक लगता है.

दस दिनों तक मनाए जाने वाला गणेश चर्तुथी त्योहार आज यानी 13 सितंबर से शुरू हो गया है और 23 सितंबर तक जारी रहेगा. कहते हैं गणेश चतुर्थी के दिन अगर सच्चे मन से भगवान की अराधना की जाए तो भगवान सभी कष्टों को दूर करते हैं. लेकिन इस बीच कुछ ऐसी भी चीजें होती हैं जो इस पर्व के दौरान करने से बचना चाहिए. आज हम आपके लिए कुछ ऐसी जानकारी लेकर आए हैं जिनसे आप ये समझ सकें की गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें और क्या नहीं.


क्या करें?

- गणेश जी को दूर्वा काफी पंसद होती है. इसलिए उन्हें लाल रोली में लगाकर दूर्वा जरूर अर्पित करें.

- पूजा के समय शंख जरूर बजाए क्योंकि गणेश जी को शंख की आवाज बेहद पसंद आती है.

- गणेश भगवान को मोदक के साथ-साथ केले का भोग भी लगाएं.

- पूजा के समय गणेश भगवान को गेंदे के फूल भी चढ़ाने चाहिए.

क्या न करें?

- आज यानी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करने चाहिए. चंद्र दर्शन करने से इस दिन कलंक लगता है.

- गणेश जी की पीठ का दर्शन न करें क्योंकि उनकी पीठ पर दरिद्रता का वास होता है.

- उन्हें भूल कर भी तुलसी न अर्पित करें.

- गणेश जी को कभी भी एक हाथ से प्रणाम नहीं करना चाहिए और एक न ही एक हाथ से उनके पैर छूने चाहिए

- कई लोग भगवान की पूजा करते समय एक दीपक से दूसरा दीपक जला देते है. ऐसा करने से बचना चाहिए. अगर आपने माचिस से एक दीपक जलाया है और दूसरे दीपक को उस दीपक से न जलाएं. कहते हैं कि एक दीपक से दूसरे दीपक को जलाने में जीवन में अंधकर आ जाता है.