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गुरु नानक जयंती 2018: जानिए क्यों है इस पर्व को लेकर अलग-अलग मत, और कैसे मनाया जाता है ये खास दिन

गुरु नानक जयंती के मौके पर गुरु नानक की दी गई शिक्षाओं को याद किया जाता है. इसके लिए देशभर में तरह-तरह के आयोजन भी होते हैं

FP Staff

Guru Nanak Jayanti 2018: इस साल गुरु नानक जयंती 23 नवंबर को मनाई जाएगी. सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के जन्मदिन को प्रकाश उत्सव के तौर पर भी मनाया जाता है. यह दिन हमेशा कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. चंद्र पंचाग हर साल ग्रह नक्षत्रों की चाल के हिसाब से बदलता रहता है. इसलिए अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से गुरुनानक जयंती अक्टूबर या नवंबर पड़ती है.

गुरु नानक जयंती को लेकर अलग मत


कहते हैं कि गुरु नानक देव ने लोगों की भलाई के लिए और समाज से बुराई को दूर करने के लिए कभी भी पारिवारिक जीवन और सुख का ध्यान नहीं किया. गुरु नानक के जन्म को लेकर दो मत है. कुछ लोगों का मत है कि गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था. लेकिन कई लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव की जयंती मनाते हैं.

गुरु नानक देव का विवाह 16 वर्ष की आयु में ही हो गया था. फिर 32 वर्ष की आयु में इनके पहले बेटे का जन्म हुआ. इसके चार साल बाद दूसरे पूत्र लखमीदास का जन्म हुआ. बताया जाता है कि इसके बाद 1507 में वे अपने साथी मरदना, लहना, बाला और रामदास को लेकर तीर्थयात्रा पर निकल गए. इस दौरान उन्होंने भारत के अलावा अन्य कुछ देशों की यात्रा भी की थी.

कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती

गुरु नानक जयंती के मौके पर गुरु नानक की दी गई शिक्षाओं को याद किया जाता है. इसके लिए देशभर में तरह-तरह के आयोजन भी होते हैं. इस दौरान कई स्थानों पर अखंड पाठ भी किया जाता है. जो 48 घंटे तक चलता है. इसमें गुरु ग्रंथ साहिब के प्रमुख अध्यायों का पाठ किया जाता है. इसके अलाव गुरु नानक जयंती से एक दिन पहले सिख समुदाय के लोग नगर कीर्तन भी करते हैं.