नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा का वाहन क्या होगा शास्त्रों में इसे लेकर एक नियम है- 'शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता.' इसका अर्थ है कि नवरात्र शुरू होने पर रविवार या सोमवार को मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार और मंगलवार को पहली पूजा पर माता घोड़े पर सवार होकर आती हैं. नवरात्र शुरू होने पर गुरुवार और शुक्रवार को माता पालकी में आती हैं. जबकि, बुधवार को मां दुर्गा बुध नाव पर आती हैं.
इस साल 21 सितंबर को गुरुवार के दिन से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहा है. ज्योतिषियों की गणना के अनुसार इस बार मां दुर्गा धरती पर पालकी में चढ़कर आ रही हैं. मां जगदंबा पालकी में बैठकर आएंगी और पालकी में ही बैठकर जाएंगी.
कब होगा नवरात्र का आरंभ?
ज्योतिषियों की दृष्टि से मां दुर्गा के पालकी में आने का मतलब क्या है और वो ऐसे क्यों आ रही हैं इसे जान और समझ लीजिए.
इस बार माता का आगमन और गमन जनजीवन के लिए हर प्रकार की सिद्धि देने वाला है. इस बार गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में घट स्थापना के साथ शक्ति उपासना का पर्व काल शुरु होगा. गुरुवार के दिन हस्त नक्षत्र में यदि देवी आराधना का पर्व शुरू हो, तो यह देवीकृपा व इष्ट साधना के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
नवरत्रि के 9 दिन सुख समृद्धिदायक होंगे. अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से 21 सितंबर गुरुवार को शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा. शारदीय नवरात्र शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का पर्व 21 सितंबर से शुरू होकर 29 सितंबर को समाप्त होगा और 30 सितंबर को विजयदशमी मनाया जाएगा.