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Ganesh Chaturthi 2018: गणेश चतुर्थी पर इन मंदिरों में विशेष रूप से की जाती है 'बप्पा' की पूजा

किसी भी काम का शुभारंभ करने से पहले लोग सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. इस खास मौके पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है

FP Staff

गणेश चतुर्थी की धूम है. सारे लोग मिलकर 'बप्पा' के स्वागत के लिए तैयार हैं. इस मौकों पर गणपति के प्रसिद्ध मंदिरों में भी खूब सजावट हो रही है. किसी भी काम का शुभारंभ करने से पहले लोग सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. इस खास मौके पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. गणपति के दर्शन के लिए लोगों की लंबी कतारें भी लगती हैं. आइए देखते हैं गणपति के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां गणेश चतुर्थी बहुत धूम-धाम से मनाई जाती है.

गणेश चतुर्थी का नाम आते हैं सबसे पहले मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर का नाम आता है. यह मंदिर भारत समेत पूरे देश में प्रसिद्ध है. इसकी स्थापना 1801 में की गई थी. यह मुंबई का सबसे अमीर मंदिर भी है. इसे नमसाचा गणपति के नाम से भी जाना जाता है. यहां बॉलीवुड के अभिनेता, राजनेता समेत अन्य हस्तियां भी शामिल होती हैं. ऐपल के सीईओ टिम कुक ने भी अपनी भारत की यात्री की शुरुआत इसी मंदिर से की थी.



उच्ची पिल्लयार मंदिर, तमिलनाडु: यह 83 मीटर लंबे पत्थर के किले में मौजूद है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना विभीषण ने की थी. विभीषण ने भगवान की राम की अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए मदद की थी. जिसके बाद उन्हें पूजा के लिए यह स्थान दिया था. वह असुर थे और देवता उन्हें अपने मंदिरों में पूजा के लिए स्थान नहीं दे रहे थे.

श्रीमंत दग्दूशेठ हलवाई मंदिर, पुणे: इस मंदिर की समृद्ध विरासत रही है. यहां गणपति की मूर्ति 7.5 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी है. जिसकी अपनी ही सुंदरता है. इसपर करीब 8 किलोग्राम सोना चढ़ा होता है.

गणपतिपुले मंदिर, रत्नागिरी, महराष्ट्र: मंदिर में स्थित 400 साल पुरानी गणपति की मूर्ति का मुंह पश्चिम की तरफ है. जबकि अन्य मंदिरों की मूर्तियों का चेहरा पूर्व की ओर होता है. मान्यता है कि ऐसी मूर्ति स्वंय विकसित हुई है. इस मंदिर में फरवरी से नवंबर के बीच धूप सीधा मूर्ति पर आती है.