view all

Eid Milad Un Nabi: ईद से जुड़ी इन खास बातों को जानते हैं आप?

पैगंबर हजरत मोहम्मद आखिरी संदेशवाहक और सबसे महान नबी माने जाते हैं, जिन को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल द्वारा कुरान का सन्देश दिया था

FP Staff

आज यानी 21 नवंबर को ईद ए मिलाद उन नबी का त्योहार मनाया जा रहा है. मुसलमानों के लिए ये दिन बेहद खास होता है. इस त्योहार को पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जन्म की खुशी में मनाया जाता है. पैगंबर हजरत मोहम्मद आखिरी संदेशवाहक और सबसे महान नबी माने जाते हैं, जिन को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल द्वारा कुरान का सन्देश दिया था. इसके अलावा वे इस्लाम धर्म के संस्थापक भी माने जाते हैं. मुस्लिम समुदाय इनके लिए हमेशा परम आदर भाव रखते हैं. आइए बताते हैं आपको ईद ए मिलाद उन नबी और पैगंबर हजरत मोहम्मद से जुड़ी कुछ खास बातें.

1. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक इस्लाम के तीसरे महीने यानी रबी-अल-अव्व की 12वीं तारीख को 571 ई में पैगंबर हजरत मोहम्मद का जन्म हुआ था.


2 पैगंबर मोहम्मद का पूरा नाम मोहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुत्तलिब था. उनका जन्म मक्का शहर में हुआ था.

3. कहा जाता है कि मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था जिसके बाद ही उन्होंने कुरान में लिखी शिक्षा का उपदेश दिया.

4. कहा जाता है कि अल्लाह के आखिरी नबी पैगंबर (मैसेंजर) मुहम्मद की मां अमीना बिन्त वहाब और पिता अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मुतालिब थे. पैगंबर मुहम्मद ने 25 साल की उम्र में खदीजा (40 साल) नाम की विधवा से पहली शादी की.

5. कहते हैं पैगंबर मुहम्मद से खदीजा को एक बेटी फातिमा हुई. फातिमा, पैगंबर मुहम्मद की इकलौती संतान थी.

6. कहा जाता है पैगंबर ने कुल 11 शादियां की. उनकी बीवीयों के नाम, ख़दीजा बिन्त खुवायलद (1), साव्दाह बिन्त जा'मा (2), आएशा बिन्त अबु बकर (3), हफसाह बिन्त उमर (4), ज़ैनब बिन्त ख़ुजाइमाह (5), हिन्द बिन्त अबी उम्यया (उम्म सलामा) (6), ज़ैनब बिन्त जाहश (7), जुवाइरियाह बिन्त अल-हरीथ (8), रमला बिन्त अबु सुफियान (9), सफियाह बिन्त हुयाई इब्न अख़्ताब (10), मुहम्म बिन अल हरीथ (11)

7. माना जाता है कि पैगंबर ने जितनी शादियां की उनमें से ज्यादातर औरतें पहले से शादीशुदा थीं और उनके पहले पतियों से बच्चे थे. पैगंबर से शादी करने के बाद जिसने भी बच्चे को जन्म दिया, वह बच्चा बचा नहीं. सिवाय ख़दीजा की कोख से जन्मी बेटी फातिमा के

8. मुसलमानों के लिए बड़ा त्योहार माने जाने वाले इस दिन को लेकर मुस्लिम समाज में अलग-अलग मत है. शिया और सुन्नी इस दिन को लेकर अपने अपने मत रखते हैं लेकिन मनाने वाले इस दिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं

9. सुन्नी मुसलमान इस दिन को हजरत मोहम्मद के वचनों को पढ़ उन्हें याद करते हैं. वहीं शिया मुसलमान उन्हें अपना उत्तराधिारी मानते हैं.

10. इस दिन रात भर प्रार्थनाए चलती हैं. पैगंबर मोहम्मद के प्रतीकात्मक पैरों के निशान पर प्रार्थना की जाती है. इस दिन बड़े-बड़े जुलूस भी निकाले जाते हैं