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आतंकी संगठनों के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्यों बनता जा रहा है मुफीद ठिकाना?

आतंकी ने अपनी सक्रियता और ठिकाना बदलना शुरू कर दिया है.

Ravishankar Singh

भारत की जांच एजेंसियां पिछले एक-दो महीने से दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हो गई है. राज्य की नई सरकार भी केंद्रीय जांच एजेंसियों का भरपूर सहयोग कर रही हैं. हाल के कुछ सालों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुछ इलाका आतंकियों के लिए विशेष तौर पर पनाहगाह बन गया है.

हाल के कुछ सालों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्लीपिंग मॉड्यूल के होने का खुलासा हुआ था. बिजनौर में मध्य प्रदेश की जेल से फरार सिमी आतंकियों की गिरफ्तारी ने इस बात को और पुख्ता किया था.


दिल्ली से सटे इस क्षेत्र में स्लीपिंग मॉड्यूल का जाल होने से खुफिया तंत्र ने वहां अपना जाल बिछा दिया है. इसकी भनक लगने पर आतंकियों में अफरातफरी मच गई है. आतंकी ने अपनी सक्रियता और ठिकाना बदलना शुरू कर दिया है.

हम आपको बता दें कि यूपी एटीएस ने रविवार रात मुजफ्फरनगर जिले के थाना चरथावल क्षेत्र के गांव कुटेसरा से अब्दुल्लाह अल मोमून नाम के एक आतंकी को गिरफ्तार किया है. पकड़ा गया आतंकी बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी ग्रुप ‘अंसारुउल्ला बांग्ला टीम’ का सक्रिय सदस्य बताया जा रहा है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का आतंकी कनेक्शन से काफी पुराना नाता रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, लश्कर-ए-तैयबा, स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के अलावा कई और संगठन ठिकाने के तौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जमीन का इस्तेमाल करते आ रहे हैं.

कुछ दिन पहले ही मेरठ से पकड़े गए आतंकी एजाज, पिलखुआ से अब्दुल करीम टुंडा ने गिरफ्तारी के वक्त खुलासा किया था कि कई आतंकी संगठन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं.

लखनऊ में आतंकी सैफुल्लाह के मारे जाने और उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद खुफिया तंत्र को जो जानकारी मिली है, वह चौंकाने वाली थी.

ये आतंकी संगठन

मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मेरठ, बागपत, सहारनपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, अलीगढ़, शामली, हापुड़, गाजियाबाद, बिजनौर में ज्यादा आसानी से पनाह लेकर देश की आतंकी गतिविधियों में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं.

मुजफ्फरगर से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल्लाह मूल रूप से बांग्लादेश के रहने वाले हैं. यह आतंकी पिछले कई साल से नाम बदलकर सहारनपुर के देवबंद थाना क्षेत्र के गांव अम्बेहटा शेख में रह रहा था.

पुलिस से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि अब्दुल्लाह फर्जी निवास प्रमाण पत्र और पासपोर्ट के साथ भारत में रह रहा था.

गिरफ्तार आतंकी अब्दुल्लाह आतंकी गतिविधियों में लिप्त और संदिग्धों को भारत में आश्रय दिलाने के नाम पर मदद करता था. संदिग्ध आतंकियों का फर्जी तरीके से दस्तावेज बनवाता था.

शुरुआती पूछताछ में अब्दुल्लाह ने बताया कि वह देवबंद में रहकर बांग्लादेश निवासी फैजान की मदद कर रहा था. पुलिस फैजान की तलाशी कर रही है.

आतंकवादी संगठन ‘अलकायदा’ से प्रेरित

एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने मीडिया से बात करते हुए कहा, एटीएस ने अब्दुल्लाह अल मामून नाम के एक व्यक्ति को आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है. शुरुआती पूछताछ में पता लगा है कि वह बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘अंसारुल्ला बांग्ला टीम’ से जुड़ा है.

अंसारुल्ला बांग्ला टीम कुख्यात आतंकवादी ओसामा बिन लादेन द्वारा गठित किए गए आतंकवादी संगठन ‘अलकायदा’ से प्रेरित बताई जाती है.

इससे पहले अब्दुल्लाह सहारनपुर जिले के देवबंद थाना क्षेत्र स्थित अम्बेहटा शेख इलाके में रह रहा था. वहीं पर उसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था. उसके कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट, चार मोहरें और 13 पहचान पत्र बरामद किए गए हैं.

हम आपको बता दें कि बेहद शातिर अब्दुल्लाह थोड़े-थोड़े समय बाद अपनी लोकेशन बदलता रहता था. पुलिस की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि, पिछले एक महीने से ही यह कुटेसरा में रहना शुरु किया था.

अब्दुल्ला और उसके साथियों के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकियों के कनेक्शन पर खुफिया विभाग की तरफ से तमाम रिपोर्ट्स यूपी पुलिस और जांच एजेंसियों को भेजी जा रही है.

खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वेस्ट यूपी में दहशतगर्दों की तरफ से भारत को बर्बाद करने के लिए मंसूबे बनाने वाले आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन, इंडियन मुजाहिदीन ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की शह पर वेस्ट यूपी में पैर जमा रखे हैं.

पिछले करीब 14 साल से अब तक करीब 25 आतंकी इस इलाके से पकड़े जा चुके हैं. ये आतंकी सामरिक रूप से संवेदनशील जानकारियों को दुश्मनों तक पहुंचाते हैं.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही वीजा लेकर आए पाकिस्तानियों की गायब होने पर चिंता जाहिर की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने आशंका जाहिर की था कि गायब हुए लोग आईएसआई एजेंट हो सकते हैं.

आतंकी संगठन नई भर्तियां कर लोगों को गुमराह करने में लगे हैं

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार गायब हुए लोगों में महिलाएं भी शामिल हैं. मुजफ्फरनगर के कैराना, शामली, मेरठ का लिसाड़ी गेट, बुलंदशहर का खुर्जा आदि कई जगह पर आईएसआई एजेंट पकड़े जाने पर खुलासा हो चुका है.

मुंबई बम ब्लास्ट कांड के आरोपी छोटा शकील, अबू सलेम कुछ दिनों तक बुलंदशहर में पनाह ले चुका है. ऐसी ही गुजरात में हुए एक विस्फोट का मुख्य आरोपी गुलाम रसूल के खुर्जा में रहने का खुलासा काफी पहले हो चुका है. देवबंद से कई बार संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं. हापुड़ के मदरसे से एक आतंकी पुलिस ने पकड़ा था.

हम आपको बता दें कि एक महीने पहले ही कश्मीर से मुजफ्फरनगर का पहला गैर मुस्लिम आतंकी भी पकड़ा गया था. संदीप शर्मा उर्फ आदिल को पुलिस ने आतंकी घटना में संलिप्तता में गिरफ्तार किया था.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकी मोड्यूल की जबरदस्त आशंका जाहिर की जा रही है. इंडियन मुजाहिद्दीन का बिहार के दरभंगा, मधुबनी अररिया और किशनगंज और यूपी के आजमगढ़ के साथ कर्नाटक में कई मोडयूल पहले से काम कर रहे हैं.

ऐसे में उत्तर प्रदेश में आतंकियों की सक्रियता से माना जा रहा है कि आतंकी संगठन नई भर्तियां कर लोगों को गुमराह करने में लगे हैं. यही कारण है कि लगातार आतंकी वेस्ट यूपी पर नजर गड़ाए हुए हैं.