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चीन ने दी हमले की धमकी, पीएम मोदी पर भी साधा निशाना

चीन ने कहा '55 साल बीत चुके हैं, लेकिन भारत सरकार हमेशा की तरह अब भी भ्रम में है'

IANS

भारत अगर यह सोच रहा है कि डोकलाम में चल रहे सीमा विवाद को लेकर भड़काने के बावजूद चीन कोई प्रतिक्रिया नहीं करेगा तो वह 1962 की तरह एक बार फिर भ्रम में है. चीन के एक दैनिक समाचार पत्र में मंगलवार को प्रकाशित स्तंभ में यह बात कही गई है. सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है कि अगर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'चीन की धमकियों' को नजरअंदाज करते रहे तो चीन की ओर से सैन्य कार्रवाई की संभावना को टाला नहीं जा सकता.

ग्लोबल टाइम्स का यह संपादकीय भारत से आई उस खबर के जवाब में है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों को विश्वास है कि चीन, भारत के साथ युद्ध का जोखिम नहीं लेगा. ग्लोबल टाइम्स इससे पहले भी 1962 के युद्ध का उदाहरण पेश कर चुका है. मंगलवार को प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, 'भारत ने 1962 में भी भारत और चीन सीमा पर लगातार भड़काने का काम किया था. उस समय जवाहरलाल नेहरू की सरकार को पूरा भरोसा था कि चीन दोबारा हमला नहीं करेगा. हालांकि नेहरू सरकार ने घरेलू और कूटनीतिक स्तर पर जूझ रही चीन सरकार की क्षेत्रीय अखंडता को लेकर दृढ़ता को कमतर करके आंका था.'


चीन की सेना जल्द एक 'छोटे स्तर के सैन्य ऑपरेशन' को अंजाम दे सकती है

संपादकीय में आगे कहा गया है, '55 साल बीत चुके हैं, लेकिन भारत सरकार हमेशा की तरह अब भी भ्रम में है. 1962 के युद्ध से मिला सबक वे आधी सदी तक भी याद नहीं रख पाए. अगर नरेंद्र मोदी की सरकार नियंत्रण से बाहर जा रही स्थिति को लेकर दी जा रही चेतावनी के प्रति बेखबर रही, तो चीन को प्रतिक्रिया में कार्रवाई करने से रोकना संभव नहीं हो सकेगा.'

सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में करीब दो महीने से बनी तनाव की स्थिति में जरा भी कमी नहीं आई है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है. चीन की सरकार, चीनी मीडिया और चीन के शीर्ष वैचारिक संगठन लगातार भारत को युद्ध की धमकी देने में लगे हुए हैं. डोकलाम सीमा विवाद पर भारत की प्रतिक्रिया नपी-तुली रही है और समस्या के समाधान के लिए भारत हमेशा वार्ता की मांग करता रहा है. दूसरी ओर चीन का कहना है कि किसी भी तरह की वार्ता तभी हो सकती है, जब भारत डोकलाम से अपनी सेना वापस हटाए.

बता दें कि सोमवार को चीन के रक्षा मंत्रालय ने चीनी मीडिया में चल रही इस चर्चा से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें कहा जा रहा था कि डोकलाम में भारत के खिलाफ चीन की सेना जल्द एक 'छोटे स्तर के सैन्य ऑपरेशन' को अंजाम दे सकती है. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल रन कोचियांग ने सोमवार को कहा कि इस सिलसिले में जो बातें कही जा रही हैं, वह मीडिया की अपनी राय हो सकती हैं, लेकिन यह चीन का आधिकारिक स्टैंड नहीं है.