27 जुलाई यानी शुक्रवार की रात इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने वाला है. चंद्र ग्रहण उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है. ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में हों. इस कारण चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा तिथि को ही घटित हो सकता है.
चंद्र ग्रहण का प्रकार और अवधि चंद्र संधियों के सापेक्ष चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं. चंद्र ग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है. ब्रह्मांड में घटने वाली यह घटना है तो खगोलीय मगर इस घटना का धार्मिक महत्व भी बहुत है. इसका असर लोगों के ऊपर और जन्म कुंडली में 12 राशियों और ग्रहों पर भी पड़ता है.
आगामी 27 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा के दिन लगने वाले सदी के सबसे लंबे पूर्ण चंद्रग्रहण के चलते वृन्दावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में सेवा, आरती और दर्शन के समय में परिवर्तन किया गया है.
मंदिर के प्रबंधक उमेश सारस्वत ने पीटीआई को बताया कि 27 जुलाई को शुक्रवार के दिन बांकेबिहारी के भक्त करीब पांच घंटे ही प्रभु के दर्शन कर पाएंगे. श्रद्धालु 28 जुलाई से पहले की तरह ही निर्धारित समय पर ही ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे. सभी अनुष्ठान परंपरागत रूप से होंगे.
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