गुरु पूर्णिमा आषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा को कह जाता है. इस दिन ज्ञान देने वाले गुरु की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में इस दिन का बहुत महत्व है. इस महीने गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई 2018 यानी शुक्रवार को पड़ रही है.
इस दिन ही वर्ष का सबसे लंबा चंद्रग्रहण भी पड़ रहा है. जो रात्रि 11:54 से प्रारंभ होगा और रात्रि 3:49 तक रहेगा. जिसका सूतक 9 घंटे पूर्व दोपहर 2:54 से प्रारंभ हो जाएगा.
गुरु पूजन का मुहूर्त:
जो छात्र विद्या अध्ययन कर रहे वो प्रातः 7 बजे से 8:30 बजे तक करें. जो नौकरी कर रहे वो 9:15 से 10:30 बजे तक करें. जो व्यापार कर रहे वो 10 से 11:15 बजे तक करें. 9:30 से 11 तक सभी लोग पूजन कर सकते हैं.
गुरु पूर्णिमा का यह दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है. वे संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे और उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी. इस कारण उनका एक नाम वेद व्यास भी है. उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है.
भक्तिकाल के संत घीसादास का भी जन्म इसी दिन हुआ था वे कबीरदास के शिष्य थे.
‘राम कृष्ण सबसे बड़ा उनहूं तो गुरु कीन्ह।
तीन लोक के वे धनी गुरु आज्ञा आधीन॥’
गुरु तत्व की प्रशंसा तो सभी शास्त्रों ने की है. ईश्वर के अस्तित्व में मतभेद हो सकता है, किंतु गुरु के लिए कोई मतभेद आज तक उत्पन्न नहीं हो सका है. गुरु की महत्ता को सभी धर्मों और संप्रदायों ने माना है. प्रत्येक गुरु ने दूसरे गुरुओं को आदर-प्रशंसा और पूजा सहित पूर्ण सम्मान दिया है. भारत के बहुत से संप्रदाय तो केवल गुरुवाणी के आधार पर ही कायम हैं.
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