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Guru Nanak Jayanti 2018: कौन थे गुरु नानक देव और कैसे मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा?

आज सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव की जन्मतिथि है

Updated On: Nov 23, 2018 09:42 AM IST

FP Staff

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Guru Nanak Jayanti 2018: कौन थे गुरु नानक देव और कैसे मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा?

आज यानी शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा है. आज सिख धर्म के संस्थापक और सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव की जन्मतिथि है. हर साल दीवाली के बाद आने वाले कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. इस दिन को प्रकाश उत्सव के तौर पर भी मनाया जाता है. यह दिन हमेशा कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. चंद्र पंचाग हर साल ग्रह नक्षत्रों की चाल के हिसाब से बदलता रहता है. इसलिए अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से गुरुनानक जयंती अक्टूबर या नवंबर पड़ती है.

कैसे मनाई जाती है गुरु नानक जयंती

गुरु नानक जयंती के मौके पर गुरु नानक की दी गई शिक्षाओं को याद किया जाता है. इसके लिए देशभर में तरह-तरह के आयोजन भी होते हैं. इस दौरान कई स्थानों पर अखंड पाठ भी किया जाता है. जो 48 घंटे तक चलता है. इसमें गुरु ग्रंथ साहिब के प्रमुख अध्यायों का पाठ किया जाता है. इसके अलावा गुरु नानक जयंती से एक दिन पहले सिख समुदाय के लोग नगर कीर्तन भी करते हैं.

गुरु नानक देव का जन्म

गुरु नानक देव का जन्म रावी नदी के तट पर बसे एक गांव तलवंडी (अब पाकिस्तान) में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. नानक बचपन से ही धार्मिक प्रवृति के थे.

गुरु नानक देव ने कभी सांसारिक सुख का मुंह नहीं देखा. वो हमेशा देश-दुनिया की यात्रा कर लोगों को उपदेश देते रहे और उच्च जीवन जीने के लिए प्रेरित करते रहे.

उनका विवाह महज 16 साल की उम्र में ही हो गया था. 32 साल की उम्र में उनके बेटे का जन्म हुआ. चार साल के अंतराल के बाद इनके दूसरे बेटे लखमीदास का जन्म हुआ. इसके बावजूद इनका मन घर-गृहस्थी में नहीं रमा और सन 1507 में वह अपने सहयोगी और शिष्यों मरदाना, बाला, लहना, और रामदास सहित तीर्थस्थलों की यात्रा पर निकल गए. उन्होंने भारत सहित कई अन्य देशों की यात्रा की और वहां पर धार्मिक उपदेश भी दिए.

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